मुजफ्फरपुर रेप केस: बिहार सरकार ने PMCH और SKMCH के डॉक्टर निलंबित, पीड़िता की इलाज के अभाव में हुई थी मौत
Bihar News: बिहार के मुजफ्फरपुर में 9 वर्षीय बच्ची के साथ हुए मुजफ्फरपुर रेप केस ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। 26 मई को हुई इस घटना के बाद बच्ची को पहले SKMCH और फिर PMCH में भर्ती किया गया। इलाज में लापरवाही के आरोपों के बाद बिहार सरकार ने त्वरित कार्रवाई की। PMCH के उपाधीक्षक डॉ. अभिजीत सिंह को पद से हटाया गया।
PMCH और SKMCH के अधिकारियों पर कार्रवाई
मुजफ्फरपुर रेप केस में स्वास्थ्य विभाग ने कड़ा रुख अपनाया। PMCH के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. अभिजीत सिंह को प्रशासनिक विफलता के कारण तत्काल प्रभाव से पदमुक्त कर दिया गया। उन पर मरीज के इलाज में लापरवाही का आरोप है। वहीं, SKMCH की अधीक्षक डॉ. कुमारी बिभा को रेफरल नीति का पालन न करने और संवेदनहीनता बरतने के लिए निलंबित किया गया।
बच्ची की मृत्यु और इलाज में देरी
मुजफ्फरपुर रेप केस में बच्ची को 26 मई को दुष्कर्म के बाद गंभीर हालत में SKMCH लाया गया। वहां से उसे PMCH रेफर किया गया, लेकिन परिवार का आरोप है कि उसे घंटों तक एम्बुलेंस में इंतजार करना पड़ा। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बच्ची को समय पर बेड नहीं मिला, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई और रविवार सुबह उसकी मृत्यु हो गई।
स्वास्थ्य मंत्री का बयान
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने मुजफ्फरपुर रेप केस को दुखद बताते हुए जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि तीन वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी SKMCH और PMCH में लापरवाही की जांच करेगी। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है। मंत्री ने कहा कि पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और जल्द चार्जशीट दाखिल होगी।
विपक्ष का सरकार पर हमला
मुजफ्फरपुर रेप केस ने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। विपक्षी दल, खासकर कांग्रेस और RJD, ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि समय पर इलाज मिलता तो बच्ची की जान बच सकती थी। RJD ने इसे स्वास्थ्य व्यवस्था के पतन का उदाहरण बताया। जनता में भी आक्रोश बढ़ रहा है।
जांच और भविष्य की कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग ने मुजफ्फरपुर रेप केस में गठित जांच कमेटी को जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा है। कमेटी PMCH और SKMCH में इलाज की प्रक्रिया और लापरवाही की जांच करेगी। एनडीटीवी के अनुसार, इस मामले में और डॉक्टरों या कर्मचारियों पर कार्रवाई हो सकती है। सरकार ने तेजी से ट्रायल और कठोर सजा का वादा किया है।
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