साइबर क्राइम बिहार: महिला को गर्भवती करने के नाम पर कर रहे थे ठगी, चार आरोपी गिरफ्तार, सरगना फरार
Bihar News: बिहार के नवादा जिले में साइबर पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने एक अनोखे ठगी रैकेट का पर्दाफाश किया। साइबर क्राइम बिहार में यह गिरोह ‘ऑल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब सर्विस’ के नाम से लोगों को ठग रहा था। 7 जून 2025 को रोह थाना क्षेत्र के कुंज गांव में छापेमारी कर चार आरोपितों को पकड़ा गया। सीनियर डीएसपी प्रिया ज्योति के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई में पांच मोबाइल और एक की-पैड बरामद किया गया।
ठगी का अनोखा तरीका
गिरोह ने सोशल मीडिया पर ‘ऑल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब सर्विस’ का विज्ञापन चलाया। इसमें निःसंतान महिलाओं को गर्भवती करने के लिए 5 लाख रुपये और असफल होने पर 50,000 रुपये का लालच दिया जाता था। रजिस्ट्रेशन शुल्क के नाम पर लोगों से पैसे ठगे जाते थे। एक वीडियो में एक लड़की के जरिए विज्ञापन कर लोगों को लुभाया जाता था। साइबर क्राइम बिहार में इस तरह की ठगी ने कई राज्यों के लोगों को शिकार बनाया।
दूसरा ठगी रैकेट
गिरोह केवल गर्भवती करने की ठगी तक सीमित नहीं था। यह देश की नंबर एक टेलिकॉम कंपनी में पार्ट-टाइम और फुल-टाइम नौकरी का झांसा भी देता था। सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर लोगों को 22,500 से 75,500 रुपये मासिक कमाई और मुफ्त लैपटॉप-मोबाइल का लालच दिया जाता था। अखबारों और अन्य मीडिया के जरिए भी ऐड चलाए जाते थे। एक बार लोग झांसे में आते, तो उनसे लाखों रुपये ठग लिए जाते थे।
छापेमारी और गिरफ्तारी
एसआईटी ने गृह मंत्रालय के पोर्टल से मिले मोबाइल नंबरों की ट्रैकिंग और तकनीकी निगरानी के आधार पर कुंज गांव में छापा मारा। चार आरोपित पकड़े गए, जिनमें तीन नाबालिग हैं और एक 26 वर्षीय राजेश कुमार है। राजेश कुंज गांव के संजय सिंह का बेटा है, जो एक सैनिक का बेटा बताया जाता है। कुछ आरोपित मौके से भाग निकले। पुलिस ने नाबालिगों को निरुद्ध किया और राजेश को गिरफ्तार किया।
सरगना की तलाश
पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि सरगना के निर्देश पर ठगी की जाती थी। वह सोशल मीडिया पर विज्ञापन देता था और ठगी के लिए मोबाइल नंबर उपलब्ध कराता था। सरगना फिलहाल फरार है। पुलिस ने बरामद मोबाइलों से कई सबूत हासिल किए हैं, जिनकी जांच जारी है। साइबर क्राइम बिहार में इस तरह के गिरोह को पकड़ने के लिए पुलिस लगातार निगरानी बढ़ा रही है।
कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी एक्ट) के तहत साइबर थाना कांड संख्या 85/25 दर्ज किया है। सीनियर डीएसपी प्रिया ज्योति ने बताया कि गिरोह का नेटवर्क कई राज्यों में फैला हो सकता है। एसआईटी में साइबर थाने के एसआई रूपेश कुमार, सिपाही कृष्णा कुमार, विकेश कुमार, चुनचुन कुमार, नीतीश कुमार, महिला सिपाही रूपम कुमारी और चालक सिपाही सुभाष कुमार शामिल थे।
नवादा में साइबर अपराध का इतिहास
नवादा जिला लंबे समय से साइबर अपराध का गढ़ रहा है। 2022 में थालपोश गांव से 33 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया था, जो लोन और बिजनेस के नाम पर ठगी करते थे। 2023 में मकनपुर और मोसमा गांवों से 10 और अपराधी पकड़े गए। बिहार में 44 साइबर पुलिस स्टेशन बनाए गए हैं, लेकिन स्टाफ की कमी चुनौती है। साइबर क्राइम बिहार अब जमातड़ा जैसे साइबर क्राइम हब से टक्कर ले रहा है।
साइबर अपराध पर अंकुश
बिहार पुलिस ने साइबर अपराध रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। 2024 में 6.3 लाख फर्जी कॉल्स की शिकायतें चक्षु ऐप के जरिए मिलीं। नवादा में पुस्तकालय और शिक्षा योजनाओं के जरिए युवाओं को अपराध से दूर रखने की कोशिश हो रही है। पुलिस ने लोगों से अनजान कॉल्स और लिंक्स पर सावधानी बरतने की अपील की है।
Author: Seema Thakur, Bihar
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