ऑपरेशन राइजिंग लायन: इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर किया सटीक हमला, मोसाद की अहम भूमिका
International News: ऑपरेशन राइजिंग लायन के तहत इजरायल ने 13 जून 2025 को ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमला किया। इस अभियान में मोसाद और इजरायली वायुसेना ने मिलकर ईरान की हवाई रक्षा को निष्क्रिय किया। हमले में ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। यह ऑपरेशन मध्य पूर्व में तनाव को नई ऊंचाई दे सकता है।
मोसाद की रणनीति और तीन चरणों वाला ऑपरेशन
मोसाद ने ऑपरेशन राइजिंग लायन को सफल बनाने के लिए तीन चरणों में काम किया। पहले चरण में, मोसाद कमांडो ने ईरान के हवाई रक्षा ठिकानों के पास ड्रोन तैनात किए। ये ड्रोन इजरायली वायुसेना के हमलों के साथ सक्रिय हुए और सटीक मिसाइलों से लक्ष्य भेदे। दूसरे चरण में, मोसाद ने मोबाइल हमलावर सिस्टम लगाए, जिन्होंने ईरान की रक्षा प्रणालियों को नष्ट किया। तीसरे चरण में, मोसाद ने ईरान के भीतर गुप्त ड्रोन बेस से हमले किए, जो वर्षों की योजना का हिस्सा थे।
नतांज और सैन्य ठिकानों पर हमला
इजरायल ने ईरान के नतांज परमाणु संयंत्र को निशाना बनाया, जो यूरेनियम संवर्धन का प्रमुख केंद्र है। इजरायली खुफिया जानकारी के अनुसार, ईरान के पास 15 परमाणु हथियार बनाने की क्षमता थी। हमले में ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड कमांडर होसैन सलामी और सशस्त्र बलों के चीफ मोहम्मद बघेरी मारे गए। तेहरान में सैन्य ठिकानों और कमांडरों के घरों में विस्फोट हुए। प्रत्यक्षदर्शियों ने आग की लपटें और धुआं देखा।
मोसाद की गुप्त तैयारी
मोसाद ने वर्षों तक ईरान के सैन्य और परमाणु कार्यक्रम पर नजर रखी। 2018 में, मोसाद ने तेहरान से AMAD परियोजना के गुप्त दस्तावेज चुराए, जो ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम से जुड़े थे। ऑपरेशन राइजिंग लायन में मोसाद ने सिविलियन वाहनों में हथियार छिपाए और तेहरान के पास ड्रोन बेस बनाया। इन ड्रोनों ने सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों को नष्ट किया, जिससे इजरायली विमानों को रास्ता मिला।
ईरान की प्रतिक्रिया और वैश्विक चिंता
ईरान ने हमले को “युद्ध की घोषणा” करार दिया और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी। ईरान ने 100 से अधिक ड्रोन इजरायल की ओर भेजे, जिन्हें इजरायल ने रोक लिया। इजरायल ने आपातकाल घोषित किया और नागरिकों को आश्रयों में रहने को कहा। संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों ने संयम बरतने की अपील की। तेल की कीमतें 6% बढ़ गईं, और क्षेत्रीय उड़ानें प्रभावित हुईं।
ऑपरेशन की मुख्य विशेषताएं
- मोसाद की भूमिका: गुप्त ड्रोन बेस और सटीक हथियारों का उपयोग
- वायुसेना का योगदान: 200 से अधिक लड़ाकू विमानों ने 330 मुनिशन दागे
- लक्ष्य: नतांज, खोंदाब, और खोरमाबाद के परमाणु ठिकाने
- नुकसान: ईरान के सैन्य नेतृत्व और वैज्ञानिकों की मौत
ऑपरेशन राइजिंग लायन ने इजरायल की सैन्य और खुफिया क्षमता को दुनिया के सामने ला दिया, लेकिन यह क्षेत्रीय शांति के लिए नई चुनौतियां भी खड़ी कर सकता है।
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