प्रयागराज हिंसा: कल चंद्रशेखर को रोकने पर भीम आर्मी के लोग कर रहे थे बवाल, आज कान पकड़े आए नजर; 51 गिरफ्तार
Uttar Pradesh News: प्रयागराज हिंसा ने करछना के भडेवरा बाजार को हिलाकर रख दिया। सांसद चंद्रशेखर आजाद को इसौटा गांव में मृतक के परिवार से मिलने से रोके जाने पर भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने उग्र प्रदर्शन किया। पुलिस पर पथराव, वाहनों में आगजनी और दुकानों में तोड़फोड़ हुई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। रात में 22 और अगले दिन 29 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया। स्थिति अब नियंत्रण में है।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
प्रयागराज हिंसा के बाद पुलिस ने सख्ती दिखाई। वीडियो फुटेज और गाड़ियों के नंबरों के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की गई। करछना, कौंधियारा, भमोखर सहित कई गांवों में छापेमारी हुई। 51 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। पुलिस ने 42 लावारिस मोटरसाइकिलें भी जब्त कीं। उत्तर प्रदेश पुलिस ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई होगी।
हिंसा का प्रभाव और स्थानीय स्थिति
रविवार को करछना में प्रयागराज हिंसा ने तीन घंटे तक तनाव बनाए रखा। पथराव में एसीपी अरुण त्रिपाठी, पत्रकार और राहगीर घायल हुए। दुकानों में लूटपाट की खबरें भी सामने आईं। सोमवार को भडेवरा बाजार में जनजीवन सामान्य होने लगा। बैंक, दुकानें और स्कूल खुल गए। पुलिस की भारी तैनाती से शांति बनी हुई है। लोग अब इस घटना से उबरने की कोशिश कर रहे हैं।
चंद्रशेखर आजाद का बयान
सांसद चंद्रशेखर आजाद ने प्रयागराज हिंसा को साजिश बताया। उन्होंने कहा कि वे कौशाम्बी और करछना में पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे थे। पुलिस ने उन्हें सर्किट हाउस में रोका, जिससे समर्थक भड़क गए। आजाद ने दावा किया कि कुछ बाहरी उपद्रवी भीड़ में शामिल थे। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को संयम बरतने की सलाह दी। पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है।
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