मनीष कश्यप इस्तीफा: बिहार के यूट्यूबर ने बीजेपी छोड़ी, चनपटिया से लड़ सकते हैं चुनाव
Bihar News: बिहार के चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप ने 7 जून 2025 को फेसबुक लाइव के जरिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से इस्तीफा दे दिया। मनीष कश्यप इस्तीफा की घोषणा ने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है। उन्होंने चनपटिया क्षेत्र के दौरे के बाद यह फैसला लिया। मनीष ने कहा कि वह बिहार में पलायन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में उनकी भूमिका पर सबकी नजर है।
इस्तीफे की वजह
मनीष कश्यप ने फेसबुक लाइव में भावुक होकर कहा कि बीजेपी में रहकर वह बिहार के लोगों की आवाज प्रभावी ढंग से नहीं उठा पाए। उन्होंने हाल ही में पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (PMCH) में कथित मारपीट की घटना का जिक्र किया, जिसमें उन्हें पार्टी का समर्थन नहीं मिला। मनीष ने बताया कि वह भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा, “मैंने तन-मन-धन से बीजेपी के लिए काम किया, लेकिन मुझे मजबूर किया गया।” मनीष कश्यप इस्तीफा के बाद अब नया मंच तलाश रहे हैं।
बिहार चुनाव और चनपटिया
मनीष कश्यप ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में हिस्सा लेने की इच्छा जताई है। उन्होंने अपने समर्थकों से पूछा कि उन्हें चनपटिया से अकेले या किसी पार्टी के साथ चुनाव लड़ना चाहिए। 2020 में मनीष ने चनपटिया से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में 9,239 वोट हासिल किए थे, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों से पीछे रहे। मनीष कश्यप इस्तीफा के बाद उनकी अगली रणनीति बिहार की सियासत में नया मोड़ ला सकती है।
बिहार के मुद्दों पर जोर
मनीष ने बिहार में पलायन को प्रमुख मुद्दा बताया। उन्होंने कहा कि बिहार के युवा रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में जा रहे हैं, जिसे रोकना जरूरी है। इसके अलावा, उन्होंने स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की बात कही। मनीष ने मुजफ्फरपुर में हुए कथित रेप कांड जैसे मामलों का खुलासा करने का वादा किया। उनकी यह सक्रियता बिहार में जनता के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।
पीएम मोदी पर मनीष का रुख
मनीष कश्यप इस्तीफा के बावजूद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई तीखा बयान देने से इनकार किया। उन्होंने कहा, “मैं पीएम मोदी के खिलाफ एकतरफा नहीं बोलूंगा। वह मेरे लिए पहले भी यशस्वी नेता थे और आगे भी रहेंगे।” मनीष ने बिहार में चीनी मिल और बेहतर अस्पतालों की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि वह अपनी बात पीएम तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे।
मनीष कश्यप का राजनीतिक सफर
मनीष कश्यप, जिनका असली नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी है, 25 अप्रैल 2024 को बीजेपी में शामिल हुए थे। दिल्ली में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी और राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। इससे पहले, 2023 में मनीष को तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर हमले के फर्जी वीडियो फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। नौ महीने जेल में रहने के बाद दिसंबर 2023 में उन्हें जमानत मिली।
विवादों से भरा रहा सफर
मनीष का राजनीतिक और यूट्यूब करियर विवादों से भरा रहा है। 2019 में उन पर अवैध फंड जुटाने और पटना में कश्मीरी व्यापारियों पर हमले के आरोप लगे। 2021 में नागरिकता संशोधन अधिनियम विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा से भी उनका नाम जुड़ा। उनकी यूट्यूब चैनल ‘सच तक’ के 8.75 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स हैं, जहां वह भ्रष्टाचार और सामाजिक मुद्दों पर वीडियो बनाते हैं।
भविष्य की संभावनाएं
मनीष कश्यप ने संकेत दिए हैं कि वह प्रणव किशोर की जन सुराज पार्टी से जुड़ सकते हैं या निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं। उनकी लोकप्रियता और बिहार के मुद्दों पर मुखरता उन्हें एक अहम राजनीतिक चेहरा बनाती है। चनपटिया और बिहार की अन्य सीटों पर उनकी मौजूदगी 2025 के चुनावों में प्रतिस्पर्धा को और रोचक बना सकती है।
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