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2025-10-12

Mahapanchayat Is Being Held In Chandigarh Demanding Justice For Haryana IPS Officer Y Puran Kumar

Mahapanchayat Is Being Held In Chandigarh Demanding Justice For Haryana IPS Officer Y Puran Kumar | OTV ---------------------------------------------------------------------------------------------------------…

odnews.in/mahapanchayat-is-bei

2025-10-08

alojapan.com/1387068/daikin-ja Daikin Japan to invest Rs 1K crore in Haryana to set up new R&D centre | Chandigarh News #ChandigarhLatestNews #ChandigarhNews #ChandigarhNewsLive #ChandigarhNewsToday #DaikinIndustriesLimited #HSIIDC #investment #Japan #JapanNews #JapanTopics #MemorandumOfUnderstanding #news #R&DCentre #TodayNewsChandigarh CHANDIGARH: A significant memorandum of understanding (MoU) was signed on Wednesday in Osaka between the Haryana government and

Daikin Japan to invest Rs 1K crore in Haryana to set up new R&D centre | Chandigarh News
2025-10-08

alojapan.com/1386998/with-japa With Japan visit, Haryana govt delegation aims for Rs 5000cr investments | Chandigarh News #AgriculturalDevelopment #ChandigarhLatestNews #ChandigarhNews #ChandigarhNewsLive #ChandigarhNewsToday #HaryanaGovernmentDelegation #IndustrialDevelopment #InvestmentOpportunities #JapanVisit #TodayNewsChandigarh #VisitJapan Chandigarh: A Haryana govt delegation’s three-day visit to Japan, led by chief minister Nayab Singh Saini, has helped the state f

With Japan visit, Haryana govt delegation aims for Rs 5000cr investments | Chandigarh News
2025-10-07

CM Saini holds meeting with mayors of Japan in Osaka | Chandigarh News

Chandigarh: Leading a delegation visiting Japan, Haryana chief minister Nayab Singh Saini on Tuesday held a meeting with mayors of various cities th…
#Japan #JP #JapanNews #Chandigarhlatestnews #Chandigarhnews #Chandigarhnewslive #Chandigarhnewstoday #CMSaini #haryana #JapanTopics #mayors #meeting #news #TodaynewsChandigarh
alojapan.com/1386465/cm-saini-

2025-10-07

alojapan.com/1386465/cm-saini- CM Saini holds meeting with mayors of Japan in Osaka | Chandigarh News #ChandigarhLatestNews #ChandigarhNews #ChandigarhNewsLive #ChandigarhNewsToday #CMSaini #haryana #Japan #JapanNews #JapanTopics #mayors #meeting #news #TodayNewsChandigarh Chandigarh: Leading a delegation visiting Japan, Haryana chief minister Nayab Singh Saini on Tuesday held a meeting with mayors of various cities there to discuss ways to strengthen mutual cooperation be

CM Saini holds meeting with mayors of Japan in Osaka | Chandigarh News
Right News IndiaHindiNews
2025-09-10

चंडीगढ़: सेक्टर-9 में झाड़ियों में मिला नवजात बच्ची का शव, पुलिस ने जांच शुरू की

rightnewsindia.com/chandigarh-

Right News IndiaHindiNews
2025-08-29

हत्या: हिमाचल के युवक का शव चंडीगढ़ में संदिग्ध परिस्थितियों में मिला, परिजनों ने लगाए हत्या के आरोप

rightnewsindia.com/murder-body

मोहित ठाकुरrightnewshindi@rightnewsindia.com
2024-12-29

बिजली कर्मचारी राष्ट्रीय स्तर पर करेंगे एक दिन का काम का बहिष्कार, हिमाचल के कर्मचारी भी करेंगे सहयोग

Himachal News: केन्द्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के बिजली विभाग को निजी कंपनी को सौंपने के विरोध में बिजली कर्मचारी और अभियंता राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट हो गए हैं। हिमाचल प्रदेश ने भी उनका पूरा सहयोग करने का निर्णय लिया है। इसी के चलते हिमाचल प्रदेश में भी बिजली बोर्ड के कर्मचारी और अभियंता विरोधस्वरूप 31 दिसंबर को प्रदर्शन करेंगे। वह राष्ट्रीय आहवान के तहत एक घंटा काम का बहिष्कार करेंगे। पूरे देश में होने वाले इस प्रदर्शन से चंडीगढ़ प्रशासन पर दवाब बनाने की कोशिश की जाएगी।

इसमें दूसरे राज्य भी चंडीगढ़ बिजली विभाग के कर्मचारियों का साथ दे रहे हैं जिनके आंदोलन से अभी तक प्रशासन निजी कंपनी को बिजली विभाग सौंप नहीं सका है। लगातार वहां पर संघर्ष चल रहा है। इलैक्ट्रिसिटी बोर्ड इम्पलाईज यूनियन ने यहां पर भी अपने कर्मचारियों से आहवान किया है। यह ज्वाइंट फ्रंट की नहीं बल्कि यूनियन की कॉल है जिसमें सभी कर्मचारियों को एकजुट होने के लिए कहा गया है। 31 दिसंबर को हिमाचल में भी सभी बिजली बोर्ड के कार्यालयों में एक घंटे तक काम का बहिष्कार किया जाएगा।

कर्मचारी यूनियन के महासचिव हीरा लाल वर्मा ने कहा कि सभी जानते हैं कि पड़ोसी केन्द्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के बिजली विभाग को वर्ष 2021 में केंद्र सरकार द्वारा एमिनेंट कंपनी को मात्र 871 करोड़ रुपये में बेच दिया था। चंडीगढ़ के बिजली कर्मचारियों के संगठन के बैनर तले किये गए लगातार संघर्ष व न्यायिक लड़ाई के चलते चंडीगढ़ प्रशासन बिजली महकमे को अभी तक कंपनी के सुपुर्द नहीं कर पाया है। वहीं राजस्थान व उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियों की निजी हाथों में देने के लिए पूरी तैयारियां चली हुई हंै, कुछ जगह तो निजी हाथों में देने बारे टेंडर तक लगा भी दिए गये हैं।

उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में न्यायालय से मामला कंपनी के पक्ष में होने के बाद अब वहां के बिजली विभाग में कार्यरत लगभग 1400 नियमित व आउटसोर्स कर्मी आर-पार की लड़ाई लड़ रहे हैं क्योंकि इन कर्मचारियों की सेवाएं भी निजी कंपनी के अधीन कर दी गई हैं। हाल ही में 25 दिसंबर को रामलीला मैदान में बिजली कर्मचारियों की बहुत बड़ी पंचायत हुई थी जिसमें हरियाणा, पंजाब के अतिरिक्त हिमाचल से भी लगभग 300 कर्मचारियों व पेंशनर ने भाग लिया। इस बिजली पंचायत में चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, राजस्थान के बिजली महकमों, निगमों के निजीकरण के खिलाफ 31 दिसम्बर को पूरे देश में राष्ट्रीय आहवान पर एक घण्टा काम के बहिष्कार का फैसला लिया गया है।

उनहोंने कहा कि चंडीगढ़ बिजली महकमे की 26000 करोड़ की संपत्तियों को मात्र 871 करोड़ रुपये में निजी कंपनी को बेच दिया गया। हैरानी की बात है 200-300 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष मुनाफा कमाने वाले महकमे की संपत्तियों का रिजर्व विक्रय मूल्य मात्र 174 करोड़ रुपये रखा गया। वहीं चंडीगढ़ का बिजली महकमा जो हर तरह से जनता को बेहतर सेवाएं दे रहा है, जहां बिजली की दरें मात्र 4.50 रुपये है। वहीं चंडीगढ़ की विद्युत हानियां मात्र 10 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ के निजी हाथों में जाने से पड़ोसी राज्यों पर भी इसका असर पड़ेगा और हिमाचल प्रदेश का औद्योगिक क्षेत्र इन कॉरपोरेट के निशाने पर रहेगा।

हीरा लाल वर्मा ने कहा कि आज समूचे देश के बिजली कर्मचारी बड़े कठिन दौर से गुजर रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में हम सबको मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर बिजली कर्मचारियों के साथ खड़ा होना होगा और हिमाचल के बिजली कर्मचारियों को भी बिजली क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ 31 दिसम्बर के आहवान को लागू करना होगा। वहीं हिमाचल बिजली कर्मचारी व अभियंता द्वारा उठाए गए मुददों को भी प्राथमिकता में लाना होगा। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वह इसमें अपना पूरा सहयोग दें और इस विरोध कार्यक्रम का हिस्सा बनकर कर्मचारियों की मांगों को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने में सहयोग करेंगे।

#chandigarhNews #himachalNews

मोहित ठाकुरrightnewshindi@rightnewsindia.com
2024-12-27

रिश्वत मामले में ईडी निदेशक ने सीबीआई को दिया चकमा, कार में बैठकर हुआ फरार; जानें कितनी नकदी मिली

Shimla News: शिमला में तैनात प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक सहायक निदेशक पर रिश्वत लेने का आरोप लगा है। सीबीआई ने अधिकारी के घर और अन्य ठिकानों पर छापेमारी कर एक करोड़ रुपये से अधिक की नकदी बरामद की है, जिसमें से 54 लाख रुपये रिश्वत की रकम है। यह रकम अधिकारी को एक शिकायतकर्ता ने दी थी।

सीबीआई ने रिश्वत लेते समय जाल बिछाया

सीबीआई के मुताबिक, 22 नवंबर को फरार अधिकारी ने शिकायतकर्ता को रिश्वत की रकम लेकर चंडीगढ़ में एक जगह बुलाया। लेकिन जब अधिकारी ने वहां सीबीआई की टीम को देखा तो उसने जल्दबाजी में कुछ पैसे लिए और अपनी कार में बैठकर भाग गया। भागते समय उसने कई वाहनों को टक्कर मारी। सीबीआई ने मौके पर ही 54 लाख रुपये की नकदी बरामद की।

छापेमारी में एक करोड़ से अधिक की रकम बरामद

22 से 25 दिसंबर के बीच शिमला में उनके घर और अन्य ठिकानों पर छापेमारी के दौरान 56.5 लाख रुपये नकद बरामद किए गए। इसके साथ ही अधिकारी के भाई को भी गिरफ्तार किया गया है, जो एक बैंक में मैनेजर है। सीबीआई का दावा है कि अधिकारी का भाई इस रैकेट में शामिल था और उसने रिश्वत की रकम जुटाने में मदद की।

अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई

ईडी अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने 24 नवंबर को इस मामले की जानकारी ईडी को दी। इसके बाद ईडी ने तुरंत अधिकारी और उनके सुपरवाइजर का तबादला कर दिया और अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी। अधिकारी को उसके मूल विभाग केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) में वापस भेजने की प्रक्रिया भी चल रही है।

सीबीआई ने जाल बिछाया

सीबीआई ने यह जाल एक शिकायत के बाद बिछाया, जिसमें एक व्यक्ति ने बताया कि ईडी अधिकारी ने मामले में मदद के बदले 55 लाख रुपये मांगे हैं। शिकायतकर्ता ने सीबीआई को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।

कार जब्त, लेकिन ईडी दफ्तर की तलाशी नहीं ली गई

सीबीआई ने स्पष्ट किया कि शिमला स्थित ईडी दफ्तर में कोई तलाशी नहीं ली गई। अब तक बरामद की गई रकम अधिकारी के निजी परिसर से बरामद की गई है। उनकी कार भी जब्त कर ली गई है। हालांकि, सीबीआई और ईडी दोनों ने ही इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।

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मोहित ठाकुरrightnewshindi@rightnewsindia.com
2024-12-24

अंबेडकर और संविधान को लेकर भिड़े कांग्रेस, भाजपा और आप पार्षद, चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक में हुई हाथापाई

Chandigarh News: संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर और संविधान पर सियासी लड़ाई ने अब हिंसक रूप अख्तियार कर लिया है। चंडीगढ़ नगर निगम की मीटिंग के दौरान इस मुद्दे पर कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी के पार्षद आपस में भिड़ गए। उनके बीच हाथापाई की भी खबर है।

इसकी शुरुआत तब हुई, जब कांग्रेस और आप के पार्षदों ने आंबेडकर के खिलाफ कथित टिप्पणी के विरोध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ एक प्रस्ताव के जरिए उनसे इस्तीफे की मांग की। भाजपा के पार्षदों ने इसका पुरजोर विरोध किया लेकिन धीरे-धीरे यह विरोध हिंसक हो गया और पार्षद आपस में ही उलझ पड़े।

हाथापाई की ये घटना वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। बाद में इसका का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। समाचार एजेंसी PTI ने उस वीडियो को साझा किया है। उसमें पार्षद हाथापाई करते नजर आ रहे हैं।

सारा विवाद नामित पार्षद अनिल मसीह के सदन में पहुंचने के बाद शुरू हुआ क्योंकि उनके पहुंचते ही कांग्रेस और आप के पार्षद नारेबाजी करने लगे। ये पार्षद अनिल मसीह को वोट चोर कहकर नारा लगा रहे थे। इससे मसीह को गुस्सा आ गया और वे बेल में चले गए।

उन्होंने कांग्रेस पार्षदों से भिड़ते हुए कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी समेत कांग्रेस पार्टी के कई नेता जमानत पर हैं। इसके बाद आप के पार्षदों और कांग्रेस के पार्षदों ने मसीह के सामने पोस्टर लहराना शुरू कर दिया। इस दौरान भाजपा के पार्षदों ने उनसे पोस्टर छीनने की कोशिश की। इसमें उनके बीच झड़प और हाथापाई हो गई।

कुछ पार्षद तो हाथापाई के दौरान कैमरे की ओर देखते हुए भी पकड़े गए, लेकिन इससे उनका प्रयास नहीं रुका। विपक्षी दलों ने शोर-शराबे के बीच अमित शाह पर आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया। हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं ने इस आरोप का जोरदार खंडन किया ।

#aapNews #bjpNews #chandigarhNews #congressNews #MCNews

मोहित ठाकुरrightnewshindi@rightnewsindia.com
2024-12-14

प्रतिबंध के बाबजूद दिलजीत दोसांझ ने चंडीगढ़ कंसर्ट में गाए वही गाने, जानें क्या बताया जा रहा कारण

Chandigarh News: भारी विवादों के बीच पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की ओर से कड़े प्रतिबंधों के बाद 14 दिसम्बर को चंडीगढ़ के सेक्टर-34 में पंजाबी सिंगर-एक्टर दिलजीत दोसांझ को कंसर्ट की इजाजत देने के बावजूद दिलजीत दोसांझ ने शो में वही गाने गाए, जिनको गाने पर मनाही थी। उन्होंने शो की शुरुआत ही अपने हिट गीत-‘पंज तारे ठेके उते बेके तारया नी तेरा सारा गुस्सा’ से की। शो से पहले चंडीगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने दिलजीत दोसांझ को लाइव शो के दौरान शराब पर आधारित गानों से परहेज करने की सलाह दी थी।

आयोग ने कहा था कि शराब से संवेदनशील उम्र के बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। सीसीपीसीआर की अध्यक्ष शिप्रा बंसल ने कहा था कि पटियाला पैग, 5 तारा और केस आदि गानों को दिलजीत अपने शो में न गाएं, लेकिन अपने लाइव शो में दिलजीत ने ये गाने गाए। दिलजीत पूरी तरह से अपने पुराने और चिर-परिचित तेवरों में नजर आए और किसी पाबंदी का उन पर कोई असर नहीं दिखा।

दिलजीत ने अपने शो को शतरंज वर्ल्ड कप जीतने वाले गुकेश को डेडिकेट किया।इसके पीछे की वजह से बताते हुए कहा कि गुकेश ने जिंदगी में पहले ही सोच लिया था कि मैंने वर्ल्ड चैंपियन बनना तो बन के रहा। दिलजीत ने कहा कि मुसीबतें आती हैं, मुझे तो रोज ही आती हैं। पुष्पा फिल्म के डायलॉग का जिक्र करते हुए दिलजीत ने कहा कि जब साला नहीं झुकेगा तो जीजा झुक जाएगा?

विवादों के बीच दिलजीत दोसांझ ने दो दिन पहले अपना एक गाना भी रिलीज किया था, जिसे इस विवादों से जोड़कर ही देखा जा रहा था। गाने के लिरिक्स हैं कि ‘मैं फिरां आसमानी, मैंनू धरती ते टोलदे आ। कुछ भी नहीं कहा, बड़ा कुछ बोलदे आ। आई डोंट केयर, दुनिया की बोलदी आ।’ माना जा रहा है कि दिलजीत के कॉन्सर्ट को लेकर पहले हैदराबाद में फिर अब चंडीगढ़ में जो एडवाइजरी जारी की गई, दिलजीत ने उसका जवाब गाना गाकर दिया है।

#chandigarhNews #DiljitDosanjhNews

मोहित ठाकुरrightnewshindi@rightnewsindia.com
2024-12-14

सिंगर दिलजीत दोसांझ की निहंगों की चेतावनी, कहा, नशे या दूसरे कौम विरोध गाने गए तो…

Chandigarh News: चंडीगढ़ के सेक्टर-34 प्रदर्शनी ग्राउंड में होने वाले मशहूर सिंगर-एक्टर दिलजीत दोसांझ के शो पर अब निहंगों ने आपत्ति जताई है। मोहाली में चल रहे मोर्चे में निहंगों ने चेतावनी दी कि पंजाब में शहीदी सप्ताह शुरू होने जा रहा है। इस दौरान अगर कोई पंजाबी सिंगर शराब, नशे या दूसरे कौम विरोधी गाने गाएगा तो उसे कड़ा सबक सिखाया जाएगा। निहंग बाबा धर्म सिंह अकाली ने कहा कि ऐसे सिख गायकों को शर्म करनी चाहिए जो नशे पर गाने गाते हैं। वे अपने सिर पर सजी पगड़ी की मर्यादा को भी भूल जाते हैं।

बाबा धर्म सिंह अकाली ने कहा, ‘दिलजीत दोसांझ तो क्या, इस दौरान किसी भी पंजाब सिंगर ने समाज को प्रदू​षित करने वाले और गलत संदेश देने वाले गाने गाए तो उन्हें निहंग कड़ा सबक सिखाएंगे। इन्हें पंथ की ओर से हिदायत दी जाती है कि खबरदार हो जाओ। देश की आन के लिए सिखों ने सिर कटवा लिए और ये लोग ऐसे काम कर रहे हैं, इन्हें शर्म आनी चाहिए’। निहंग बाबा धर्म सिंह अकाली ने कहा कि पंजाबी गायकों को हिदायत दी जाती है कि वे ढंग की स्टेज लगाएं। गंदे या अश्लील और शराब वाले गाने न गाएं। न ही ऐसे कार्यक्रमों में शराब परोसी जाए।

चंडीगढ़ पुलिस ने जारी की ट्रैफिक एडवाइजरी

चंडीगढ़ में सेक्टर-34 के ग्राउंड में कल को होने वाले पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ के दिल-लुमिनाटी कॉन्सर्ट को लेकर चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। सेक्टर-33/34 डिवाइडिंग रोड और सेक्टर-34 मार्केट के अंदरूनी रोड पर वाहनों की एंट्री बंद रहेगी। कई रूटों पर यातायात को डायवर्ट कर दिया गया है। इससे वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। कॉन्सर्ट के दौरान सुरक्षा के लिए 2,500 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे।

‘गुरु गोबिंद सिंह के परिवार की शहादत की सबसे बड़ी मिसाल’

सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी के परिवार की शहादत को आज भी इतिहास की सबसे बड़ी शहादत माना जाता है। धर्म व आम जन की रक्षा के लिए दी गई इस शहादत जैसा दूसरा ही कोई उदाहरण सुनने या पढ़ने को मिलता हो। गुरु गोबिंद सिंह ने अपने मुट्ठीभर सैनिकों के साथ मुगलिया सल्तनत को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया था। इसी दिन गुरु गोबिंद साहब ने अपनी मां, पत्नी और बच्चों समेत सभी की कुर्बानी दी थी। सिख धर्म में दिसंबर का अंतिम सप्ताह शहीदी दिवस के रूप में जाना जाता है। इन दिनों गुरुद्वारों से लेकर घरों तक में कीर्तन-पाठ बड़े स्तर पर किया जाता है। बच्चों को गुरु साहिब के परिवार की शहादत के बारे में बताया जाता है। साथ ही कई श्रद्धावान सिख इस पूरे हफ्ते जमीन पर सोते हैं और माता गुजरी व साहिबजादों की शहादत को नमन करते हैं।

#chandigarhNews #DiljitDosanjhNews

मोहित ठाकुरrightnewshindi@rightnewsindia.com
2024-12-03

भारतीय न्याय संहिता का मूल मंत्र है- Citizen First, ये कानून नागरिक अधिकारों के बन रहे प्रोटेक्टर; पीएम मोदी

PM Modi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पंजाब के चंडीगढ़ (Chandigarh) पहुंचे. यहां पर तीन नए आपराधिक कानूनों के सफल कार्यान्वयन के लोकार्पण के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने नागरिकों को संबोधित किया.

इस दौरान उन्होंने कहा, “एक ऐसे वक्त में जब देश विकसित भारत का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है, जब संविधान के 75 वर्ष हुए हैं, तब संविधान की भावना से प्रेरित ‘भारतीय न्याय संहिता’ के प्रभाव का प्रारंभ होना, बहुत बड़ी बात है.”

पीएम मोदी ने कहा, “पहले अपराधियों से ज्यादा डर निर्दोषों में रहता था. कई अहम कानून चर्चा से दूर हैं. अनुच्छेद 370, ट्रिपल तलाक पर खूब चर्चा हुई और आजकल वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा हो रही है.” उन्होंने आगे कहा कि देश के नागरिकों के लिए हमारे संविधान ने जिन आदर्शों की कल्पना की थी, उन्हें पूरा करने की दिशा में ये ठोस प्रयास है. हम हमेशा से सुनते आए कि कानून की नजर में सब बराबर होते हैं लेकिन व्याहवारिक सच्चाई कुछ और होती है. कानून हर पीढ़ी के प्रति संवेदना से परिपूर्ण है.

‘जब आजादी की सुबह आई…’

नरेंद्र मोदी ने कहा कि आजादी के सात दशकों में न्याय व्यवस्था के सामने जो चुनौतियां आईं, उन पर गहन मंथन किया गया. हर कानून का व्यवहारिक पक्ष देखा गया, Futuristic Parameters पर उसे कसा गया, तब भारतीय न्याय संहिता इस स्वरूप में हमारे सामने आई है. मैं इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का, माननीय न्यायाधीशों का, देश की सभी हाई कोर्ट का विशेष आभार व्यक्त करता हूंय

उन्होंने आगे कहा कि 1947 में, सदियों की गुलामी के बाद जब हमारा देश आजाद हुआ, पीढ़ियों के इंतजार के बाद, लोगों के बलिदानों के बाद, जब आजादी की सुबह आई, तब कैसे-कैसे सपने थे, देश में कैसा उत्साह था. देशवासियों ने सोचा था कि अंग्रेज गए हैं, तो अंग्रेजी कानूनों से भी मुक्ति मिलेगी. अंग्रेजों के अत्याचार के, उनके शोषण का जरिया ये कानून ही तो थे. ये कानून ही तब बनाए गए थे, जब अंग्रेजी सत्ता भारत पर अपना शिकंजा बनाए रखने के लिए कुछ भी करने को तैयार थी.

पीएम मोदी ने कहा, “1857 में देश का पहला बड़ा स्वधीनता संग्राम लड़ा गया. उस 1857 के स्वतंत्रता संग्राम ने अंग्रेजी हुकूमत की जड़ें हिला दी थीं, तब जाकर 1860 में अंग्रेज इंडियन पीनल कोड यानी आईपीसी लाए. उसके कुछ साल ​बाद, इंडियन पीनल एक्ट लाया गया यानी सीआरपीसी का पहला ढांचा अस्तित्व में आया. इस कानूनों की सोच और मकसद यही था कि भारतीयों को दंड दिया जाए, उन्हें गुलाम रखा जाए.”

उन्होंने आगे कहा कि दुर्भाग्य देखिए, आजादी के बाद दशकों तक हमारे कानून उसी दंड संहिता और पीनल माइंड सेट के इर्द गिर्द ही मंडराते रहे, जिसका इस्तेमाल नागरिकों को गुलाम मानकर होता रहा.

‘BNS का मूल मंत्र है- Citizen First’

प्रधानमंत्री ने कहा, “देश अब उस कोलोनियल माइंडसेट से बाहर निकले, राष्ट्र के सामर्थ्य का प्रयोग राष्ट्र निर्माण में हो इसके लिए राष्ट्रीय चिंतन जरूरी था. इसलिए मैंने 15 अगस्त को लाल किले से गुलामी की मानसिकता से मुक्ति का संकल्प देश के सामने रखा था. अब भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के जरिए देश ने उस दिशा में एक और मजबूत कदम उठाया है.”

उन्होंने कहा कि हमारी न्याय संहिता Of the People, By the People, For the People के उस भावना को सशक्त कर रही है, जो लोकतंत्र का आधार होती है.

पीएम मोदी ने BNS को समझाते हुए कहा, “भारतीय न्याय संहिता का मूल मंत्र है- Citizen First. ये कानून नागरिक अधिकारों के प्रोटेक्टर बन रहे हैं, ‘Ease of justice’ का आधार बन रहे हैं. पहले FIR करवाना भी कितना मुश्किल होता था, लेकिन अब जीरो FIR को भी कानूनी रूप दे दिया गया है.”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारतीय न्याय संहिता के लागू होने के बाद जेलों से ऐसे हजारों कैदियों को छोड़ा गया है, जो पुराने कानूनों की वजह से जेलों में बंद थे. आप कल्पना कर सकते हैं कि एक नया कानून नागरिक अधिकारों के सशक्तिकरण को कितनी ऊंचाई दे सकता है.”

उन्होंने आगे कहा कि पुराने कानूनों में दिव्यांगों के लिए ऐसे-ऐसे अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया गया था, जिसे कोई भी सभ्य समाज स्वीकार नहीं कर सकता. हमने ही पहले इस वर्ग को दिव्यांग कहना शुरू किया, उन्हें कमजोर महसूस कराने वाले शब्दों से छुटकारा दिलाया. 2016 में हमने rights of person with disabilities act लागू करवाया.

नए कानूनों पर क्या बोले अमित शाह?

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नए कानूनों पर बात करते हुए कहा, “क्रिमनल जस्टिस में आज का दिन अंकित किया जाएगा. चंडीगढ़ पहला ऐसा UT है, जो इन तीनों कानूनों को लागू करने में देश में सबसे आगे है. देश की संसद में बना कानून है, किसी भी FIR पर 3 साल में उस पर न्याय मिलेगा.”

अमित शाह ने आगे कहा कि इस कानून की आत्मा भारतीय है. 43 देशों के क्रिमिनल कानून को देख ये 3 कानून तैयार किए गए हैं. नए कानून के मुताबिक, 90 दिन में पुलिस को प्रोग्रेसिव रिपोर्ट अनिवार्य है. संगठित अपराध और आतंकी पहले किसी कानून की श्रेणी में नहीं थे लेकिन इसमें उनको कैरेक्ट्राइज किया गया है. महिलाओं और बच्चों पर अलग चैप्टर है.

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