मोहन भागवत के तीन बच्चों वाले बयान पर मचा सियासी घमासान, जानें कांग्रेस, सपा और ओवैसी ने क्या कहा
Delhi News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने जनसंख्या बढ़ोतरी की दर में गिरावट (प्रजनन दर) पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि जब किसी समाज की जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से नीचे गिर जाती है, तो वह समाज धीरे-धीरे नष्ट हो जाता है. भागवत ने यह बयान एक कार्यक्रम के दौरान दिया, जिसमें उन्होंने जनसंख्या नीति को लेकर अपनी चिंता जाहिर की.
क्या बोले RSS प्रमुख?
भागवत ने कहा, “आधुनिक जनसंख्या विज्ञान कहता है कि जब किसी समाज की जनसंख्या (प्रजनन दर) 2.1 से नीचे चली जाती है, तो वह समाज दुनिया से नष्ट हो जाता है. वह समाज तब भी नष्ट हो जाता है जब कोई संकट नहीं होता है. इस तरह से कई भाषाएं और समाज नष्ट हो गए हैं. जनसंख्या 2.1 से नीचे नहीं जानी चाहिए.” उन्होंने यह भी कहा कि 2.1 की जनसंख्या वृद्धि दर बनाए रखने के लिए समाज को दो से अधिक बच्चों की आवश्यकता है, इस तरह उन्होंने तीन बच्चों की जरूरत पर जोर दिया.
भागवत ने बताई दो से अधिक बच्चों की जरूरत
RSS प्रमुख भागवत ने जनसंख्या नीति की ओर इशारा करते हुए कहा, “हमारे देश की जनसंख्या नीति वर्ष 1998 या 2002 में तय की गई थी, जिसमें यह कहा गया था कि जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से नीचे नहीं होनी चाहिए. यदि हम 2.1 की जनसंख्या वृद्धि दर चाहते हैं, तो हमें दो से अधिक बच्चों की जरूरत है. जनसंख्या विज्ञान भी यही कहता है. संख्या महत्वपूर्ण है क्योंकि समाज का बने रहना जरूरी है.”
सपा प्रवक्ता ने कही ये बात
हालांकि, मोहन भागवत के इस बयान पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. समाजवादी पार्टी (SP) के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि मोहन भागवत पिछले कुछ समय से जब कुछ बोलते है तो वह बीजेपी को असहज कर देता है.पिछली बार भी जब मोहन भागवत ने कहा था कि हर मस्जिद में मंदिर क्यों ढूंढना तब भी बीजेपी वाले जो केवल मंदिर मस्जिद की राजनीति करते हैं उनके पास कोई जवाब नहीं था.बीजेपी पूरे देश जनसंख्या को लेकर केवल राजनीति करने का काम कर रही है, सपा समझती है कि अब मोहन भागवत के बयान के बाद अब बीजेपी के पास जवाब नहीं होगा. सपा की विचारधारा भले rss से न मिलती हो लेकिन अगर कुछ उन्होंने सही कहा है तो सही को सही कहना गलत नहीं है.
कांग्रेस ने उठाया सवाल
कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी मोहन भागवत के बयान पर सवाल उठाए. कांग्रेस ने मोहन भागवत से सवाल करते हुए कहा कि, ‘जो पहले से हैं उनको तो नौकरियां दिलवा दो, नौकरियां है नहीं, फसल की ज़मीन कम हो रही हैं. मोहन भागवत चाहते हैं कि 2 से ज्यादा बच्चे हों. देश में वैसे ही बेरोज़गारी है. जो आज युवा हैं उनको तौ नौकरियां मिल नहीं पा रही, फसल की जमीने कम होती जा रही है जबकि जनसंख्या बढ़ती जा रही है. चीन ने जहां आबादी कम कही है, तो वो आज महाशक्तिशाली बना है. मोहन भागवत चीन से सीख नहीं ले पा रहे और वो जनसंख्या के मामले में देश को शक्तिशाली बनाना चाहते हैं. मेरा तो उनको सुझाव है कि मोहन भागवत हैं, पीएम मोदी हैं, यूपी के सीएम योगी हैं तो सबसे पहले ये शुरुआत करें अगर इन्हे जनसंख्या की इतनी चिंता है तो, इनसे शुरुआत होनी चाहिए.
ओवैसी ने भी दी प्रतिक्रिया
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “भागवत जी कहते हैं कि जनसंख्या बढ़ानी चाहिए, लेकिन क्या वह यह सुनिश्चित करेंगे कि बच्चों को कुछ फायदा मिले? क्या वह गरीब परिवारों को हर महीने 1500 रुपये देंगे?” ओवैसी ने यह भी कहा कि भागवत को अपने समुदाय से उदाहरण लेकर दिखाना चाहिए.
भागवत के बयान के बाद जनसंख्या वृद्धि और जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर देशभर में बहस तेज हो गई है. विपक्ष ने इस पर राजनीति करने का आरोप लगाया है, जबकि संघ प्रमुख ने इसे समाज के अस्तित्व से जोड़ते हुए जनसंख्या नीति पर ध्यान केंद्रित किया है.
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