वेलफेयर फ्रॉड: हमीरपुर में अपात्र लोगों ने हड़पी कामगार कल्याण बोर्ड की योजनाएं, एफआईआर की तैयारी
Himachal News: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में वेलफेयर फ्रॉड का सनसनीखेज मामला सामने आया है। हिमाचल प्रदेश भवन निर्माण एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड की योजनाओं का लाभ अपात्र लोगों ने गलत तरीके से हासिल किया। बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर ने बताया कि बड़सर और भोरंज उपमंडलों में जांच के दौरान 38 साधन संपन्न लोग पकड़े गए, जिन्होंने धोखाधड़ी से लाभ उठाया। यह खुलासा न केवल पात्र श्रमिकों के हक की चोरी को दर्शाता है, बल्कि जरूरतमंदों के लिए बनी योजनाओं पर सवाल भी उठाता है।
जांच में खुलासा, 10 लाख से अधिक का नुकसान
नरदेव सिंह कंवर ने शुक्रवार को समीक्षा बैठक में बताया कि बड़सर की 9 ग्राम पंचायतों और भोरंज की एक पंचायत में वेलफेयर फ्रॉड की जांच हुई। इसमें सरकारी कर्मचारी, अधिकारी और संपन्न व्यवसायियों के परिजनों ने गलत हथकंडे अपनाकर बोर्ड की योजनाओं का लाभ लिया। इन लोगों ने 10 लाख रुपये से अधिक की राशि हड़प ली। बोर्ड ने ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का फैसला किया है। दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
सख्त कार्रवाई का ऐलान
बोर्ड अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि 14 कल्याणकारी योजनाओं का लाभ केवल पात्र श्रमिकों को मिलना चाहिए। इन योजनाओं में बच्चों की पढ़ाई, विवाह, चिकित्सा और मकान निर्माण के लिए आर्थिक मदद शामिल है। लेकिन साधन संपन्न लोग इनका दुरुपयोग कर रहे हैं। कंवर ने कहा कि दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों और पंचायत प्रतिनिधियों पर भी कार्रवाई होगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पात्र श्रमिकों का हक कोई न छीने।
केवाईसी अभियान से होगी सफाई
वेलफेयर फ्रॉड को रोकने के लिए बोर्ड ने विशेष कदम उठाए हैं। नरदेव सिंह कंवर ने बताया कि प्रदेश भर में श्रमिकों की केवाईसी के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इससे अपात्र लोगों के नाम हटाए जाएंगे और पात्र श्रमिकों तक योजनाओं का लाभ पहुंचेगा। हमीरपुर में पहले ही 1,400 लोग अपात्र पाए गए हैं। यह अभियान बोर्ड की 26 शाखाओं के सहयोग से चलाया जाएगा, ताकि हर जरूरतमंद श्रमिक को सहायता मिले।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी करण नंदा ने इस मामले पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। वेलफेयर फ्रॉड जैसे मामले पात्र लोगों के साथ अन्याय हैं। नंदा ने मांग की कि सरकार भ्रष्टाचार पर सख्ती से कार्रवाई करे। साथ ही, उन्होंने राज्य चयन आयोग की निष्क्रियता और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी सरकार की आलोचना की। यह मामला हिमाचल में प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही की जरूरत को रेखांकित करता है।
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