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2024-12-27

पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार आज, भूमि ज्वालामुखी केंद्र के लिए स्मारक


नई फ़िनिश :

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका अंतिम संसकार आज प्रातः 11 बजे 45 मिनिट पर पूर्ण राष्ट्रीय सम्मान के साथ पूर्णता के निगम बोध घाट पर जायेगा। उनके निधन के बाद सात दिन के अंतिम शोक की घोषणा की गई है।

आज सुबह होगा?

  • सुबह 8:00 बजे पार्थिव शरीर कांग्रेस मुख्यालय ले जाएगा।
  • सुबह 8:30 से 9:30 बजे के बीच पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्‍यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा, जहां जनता परमाणु शक्ति का उद्घाटन किया जाएगा।
  • सुबह 9:30 बजे कांग्रेस मुख्यालय से अंतिम यात्रा शुरू होगी।
  • 11:15 से 11:27 केंद्रीय गृह सचिव, रक्षा सचिव, वायु सेना प्रमुख, नौसेना प्रमुख, थल सेना प्रमुख, सीडीएस और नौसेना सचिव स्मारक और रहस्य रखेंगे।
  • 11:31 बजे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रक्षाबंधन पर।
  • 11:33 बजे अमेरिकी राष्ट्रपति ओम बिरला राजकुमारी और अपनी रक्षाबंधन पर।
  • 11:36 PM प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रक्षाबंधन।
  • 11:39 अपराह्न जगदीप धनखड़ रक्षाबंधन।
  • 11:42 अपराह्न राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नक्षत्र नक्षत्र।
  • 11:45 अपराह्न अंतिम संसकार।

केंद्र सरकार: गृह मंत्रालय

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार रात कहा कि सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक पर पद छोड़ दिया है और इस बारे में उनके परिवार और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सूचित किया है। ''पूर्व प्रधानमंत्री देर रात डॉ. ''संहिता सिंह के स्मारक के संबंध में तथ्य'' शीर्षक से देर रात जारी एक दस्तावेज़ में मंत्रालय ने कहा कि सरकार को कांग्रेस प्रमुख खरगे से सिंह के स्मारक के लिए स्थान का उद्घाटन प्राप्त हुआ है। कैबिनेट की बैठक के तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खरगे और मनमोहन सिंह के परिवार को सूचित किया कि सरकारी स्मारक के लिए स्थान दिया जाएगा।

गृह मंत्रालय ने कहा कि ट्रस्ट का गठन किया जा रहा है और रखा जा रहा है, इस बीच मनोभ्रंश सिंह का अंतिम संस्कार और अन्य संवैधानिकताएं पूरी तरह से जा सकती हैं।

खड़गे ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

इससे पहले कांग्रेस ने मुख्यालय में पार्टी की कार्य समिति की बैठक की। जिसमें नेताओं ने डॉक्टर मनमोहन सिंह का स्मारक और स्मारक बनाने की मांग की। साथ ही कांग्रेस ने अधोगति के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा और कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कद को देखते हुए उनका अंतिम नाटक संसकार एक साथ आराम से जाए, जहां एक स्मृति चिन्ह का अंतिम वर्ष कहा जाए। इसका जिक्र करते हुए मोदी सरकार से जगह लेने का आग्रह किया। पत्र में शकायत उलेलेख कीया की ऐसी ऐतिहासिक कृति और देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों की याद में धार्मिक स्मारक बनाने की परंपरा का पालन किया जाता है। पत्र के आख़िर में कांग्रेस अध्‍यक्ष ने लक्ष्‍खा की खायी आशा ही नहीं, व पुरिअम के आख्यान भी हैं क मित्र सरदार मित्र के मित्र के साथ मुलाकात करते हुए सरकार उनके आख्याक के ल खाये उच मित्रता अवन्त जारी की गयी।

आज कांग्रेस अध्यक्ष श्री @खड़गे प्रधानमंत्री जी और गृह मंत्री से फोन पर बात करके और एक पत्र लिखकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से पुर्जोर में भारत के सपूत सरदार मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार और स्मारक स्थापित करना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। pic.twitter.com/pNxh5txf0b

– कांग्रेस (@INCIndia) 27 दिसंबर 2024

देश के पहले प्रधानमंत्री का अपमान: कांग्रेस

केंद्र सरकार की इस मांग को खारिज करने के बाद उम्मीदवारों पर हमले तेज़ हो गए। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अंत्येष्टि और स्मारक के लिए जगह नहीं ढूंढी, भारत के पहले प्रधानमंत्री की जान-बूझकर अपमान किया गया है।

पार्टी महासचिव राकेश राकेश ने एक्स पर पोस्ट किया, 'कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सिफारिश की थी कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार उस स्थान पर किया गया जहां उनकी विरासत का सम्मान करने के लिए एक स्मारक बनाया गया। हमारे देश के लोगों की यह धारणा गलत है कि भारत सरकार उनके दाह संस्कार और स्मारक के लिए कोई ऐसी जगह क्यों नहीं खोजती, जो उनके वैश्विक कद, उत्कृष्ट प्रमाण के रिकॉर्ड और दशकों से राष्ट्र के लिए स्मारकीय सेवा के स्मारक हो।'

इससे पहले आज सुबह कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सुझाव दिया था कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार ऐसे स्थान पर किया जाए जहां उनकी विरासत का सम्मान करने के लिए एक स्मारक बनाया जा सके।

हमारे देश के लोग असमर्थ ही हैं…

-जयराम रमेश (@जयराम_रमेश) 27 दिसंबर 2024

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. ने कहा, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी भोला सिंह का अंतिम संस्कार निगम बोध घाट पर जाना, अत्यंत अल्पसंख्यक है। उनका अंतिम संस्कार वहीं किया गया जहां अन्य पूर्व प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार हुआ। पंजाब के इस महान सपूत को, प्रोटोटाइप विद्या, ज्ञान और दूरदर्शिता के लिए दुनिया भर में सम्मान मिला, उन्हें दस साल तक भारत के उनके नेतृत्व के सांस्कृतिक अंतिम विदाई दी जानी चाहिए। उनकी स्मृति का सम्मान करने के लिए कम से कम इतना ही किया जाना चाहिए।

वहीं शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने भी स्मारक स्थल तय न करने को लेकर केंद्र सरकार की निंदा की है। क्लाउड ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, ''स्तब्ध करने वाला और चिंताजनक। यह अत्यंत निन्दनीय है कि केंद्र सरकार ने डॉ. मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार किसी भी स्थान पर करने के लिए उनके परिवार के सदस्यों से इनकार कर दिया है।'' , जहां राष्ट्र के प्रति उनके बेमिसाल योगदान को याद करने के लिए उनके और ऐतिहासिक स्मारक बनाए गए।”

चौंकाने वाला और अविश्वसनीय! यह अत्यधिक निंदनीय है कि केंद्र सरकार ने डॉ. मनमोहन सिंह जी के परिवार के उस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है, जिसमें उन्होंने अत्यधिक प्रतिष्ठित नेता का अंतिम संस्कार ऐसे स्थान पर करने की मांग की थी, जहां उनके लिए एक उपयुक्त और ऐतिहासिक स्मारक बनाया जा सके… pic.twitter.com/5ejdKV7XJD

– सुखबीर सिंह बादल (@officeofssbadal) 27 दिसंबर 2024

'राष्ट्रीय स्मृति' के निर्माण को मंजूरी दी गई

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में 2013 में केंद्रीय स्मारक ने राजधानी दिल्ली में एकता स्थल के पास समाधि स्थल के लिए 'राष्ट्रीय स्मृति' के निर्माण को मंजूरी दी थी, जिसमें राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, पूर्व राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति जैसे राष्ट्रीय नेता शामिल थे -राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति द्वारा तय किए गए गरीब लोगों के अंतिम संस्कार के लिए एक स्थान तय किया जा सकता है।

देश को आर्थिक संकट से उबारा

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2013 में अपने देश की आर्थिक नीति पर अपनी गहरी छाप छोड़ी। रज़र्व बैंक के गवर्नर, भारत सरकार के वित्त सलाहकार और मठाधीशों के सहयोगियों में से एक ने बहुत सारा काम किया। दुनिया भर के नेता अपने आदर व सम्मान करते थे। 2008 में वैश्वीकरण आर्थिक मंदी से भी भारत को काफी हद तक सुरक्षा जारी की गई थी।

ना फिल्मे के दशक में जब देश की आर्थिक स्थिति संकट में थी, तब वत्स ख्यात मंत्री रहते हुए मनमोहन एस चिनह ने उसे उबारा और देश की आर्थिक समृद्धि व स्थापत्य प्रश्नावली प्रदान की। जोसेफ इकोनॉमिक्स अर्थशास्त्र की जो मजबूत नींव है, उसका लाभ देश उठा रहा है। उनका अनुभव, उनकी आस्था, उनका योगदान, एक और प्रमुख नेता संस्था है।

ओबामा भी थे सिंह के प्रशंसक

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने पद पर रहते हुए एक बार अपने भाषण में कहा था कि जब भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह खो गए थे, तो पूरी दुनिया सुनती है।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसी साल संसदीय राजनीति को भी अलविदा कह दिया था। लंबे समय तक यूरोपियन डेमोक्रेट रहे डॉ. 3 अप्रैल 2024 को मनमोहन सिंह का इलाही न्यूनतम न्यूनतम समाप्त हो गया था। इसके बाद उन्होंने इस यात्रा को आगे न बढ़ाने का निर्णय लेते हुए संसदीय राजनीति को हमेशा के लिए जारी रखा। दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह के लिए यह आखिरी पारी थी।


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2024-12-27

कैबिनेट बैठक में मनमोहन सिंह को याद किया गया, शोक प्रस्ताव पारित किया गया, सभी सरकारी कामरेड

डॉ. मनमोहन सिंह की मौत की खबर: केंद्रीय कैबिनेट की बैठक खत्म, बैठक में डॉ. मनमोहन सिंह के देश के योगदान को याद किया गया और एक शोक प्रस्ताव भी पारित किया गया

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2024-12-27

मनमोहन सिंह का निधन: कांग्रेस मुख्यालय पर आधा राष्ट्रीय ध्वज शोक

मनमोहन सिंह का निधन: कांग्रेस मुख्यालय पर आधा राष्ट्रीय ध्वज शोक

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2024-12-27

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर उनके निवास पर नेताओं का नामांकन शुरू

डॉ. मनमोहन सिंह की मृत्यु: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. 92 साल की उम्र में मनमोहन सिंह का एम्स में निधन हो गया…10 साल तक देश के प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह लंबे समय तक स्वास्थ्य संबंधी एसोसिएट से जुड़े रहे थे…इससे पहले भी उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था

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