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2025-01-12

एक विचारधारा का महाकुंभ: पहले शाही स्नान के साथ कल से शुरुआत, दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में शामिल हुए 35 करोड़ लोग!


नई फ़िनिश:

दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन सोमवार से शुरू हो रहा है। सनातन आस्था के महापर्व महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) का शुभारंभ होने जा रहा है. करीब महीने भर तक चलने वाले इस आयोजन में देश-दुनिया से करीब 35 करोड़ रुपये की कमाई होने का अनुमान है। यह अद्भुत गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम में अमृत स्नान होगा। इसके साथ ही लाखों की संख्या में आस्था संगम तट पर महाकुंभ की प्राचीन परंपरा कल्पवास का भी ज़िंदा रहेगा।

महाकुंभ में शाही स्मारक नादान कब?

वास्तविक है पौराणिक मान्‍यता?

पौराणिक कथाओं के अनुसार एक माह तक का विश्वास संगम तट पर कल्पवास होगा। इसके लिए सीएम योगी के दिशा-निर्देश में असमान्य प्राधिकारी ने विशेष चॉइस की हैं। कल्पवास की शुरुआत सोमवार को पौष पूर्णिमा से होगी।

महाकुंभ सनातन आस्था का सबसे बड़ा आयोजन होने के साथ-साथ बहुत सी सनातन आस्था का वाहक भी है। महाकुंभ की एक महत्वपूर्ण परंपरा है संगम तट पर कल्पवास करना। सैद्धांतिक के अनुसार कल्पवास, पौष पूर्णिमा की शुरुआत माघ पूर्णिमा से लेकर पूरे एक महीने तक होती है। इस महाकुंभ में कल्पवास 13 जनवरी से शुरू होकर 12 फरवरी को संगम तट तक जाएगा।

सिद्धांतों के अनुसार कल्पवास में अल्प नियम, संकल्प निर्भयता एक माह तक संगम तट पर निवास करते हैं। कल्पवास के दौरान आस्था काल गंगा स्नान कर, जप, तप, ध्यान, पूजन और सत्संग करते हैं। महाकुंभ 2025 में करीब 10 लाख श्रद्धालुओं के कल्पवास करने का अनुमान है।

1.6 लाख रेस्तरां की परिसंपत्तिव विचारधारा

महाकुंभ की विशेष परंपरा कल्पवास का घिनौना बनाने के लिए सीएम योगी की प्रेरणा से सभी जरूरी बातें बताई गई हैं। मेले में गंगा जी के तट पर झूंसी से फाफा माओ क्षेत्र तक लगभग 1.6 लाख पर्यटक, कल्पवासियों के लिए लगाए गए थे।

इन सभी कल्पवासियों के लिए बिजली, पानी कनेक्शन के साथ शौचालयों का निर्माण किया गया है। कल्पवासियों को अपने रेस्तरां तक ​​आसानी से पहुंचने के लिए चेकर्ड प्लेट्स की लगभग 650 किमी की रेतीली दुकानें और 30 पंटून पुलों का निर्माण कराया गया है।

7000 करोड़ रुपये का बजट

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि 45वें दिव्य संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों) के आसपास होने वाले इस महाआयोजन में 35 करोड़ तीर्थयात्रियों के शामिल होने की उम्मीद है. सिंह ने कहा कि मौनी यूक्रेन के डे स्टूडियो में 4-5 करोड़ रुपये के सप्ताहांत और स्नान में भाग लेने की उम्मीद है।

रॉयल नारियल के दिन डायनासोर नहीं: सिंह

मुख्य सचिव ने कहा कि छह महत्वपूर्ण (प्रमुख स्नान) तिथियां हैं जिन पर अधिक अस्त्र और अधिक भीड़ होगी। इसलिए, उन दिनों, वेबसाइट के अनुसार, राज्य सरकार को किसी भी तरह का कोई लाइसेंस नहीं मिलता है।

उन्होंने कहा, ''इसलिए, हम सभी वीवीआईपी से फ़ोर्ट करते हैं कि वे छह दिनों में नहीं आए। हम उन्हें उन दिनों आमंत्रित करने का प्रयास करते हैं, जो प्रमुख स्नान के दिन नहीं होते हैं।'

सिंह ने कहा, 'महाकुंभ मेले 2025 में कल्पवासियों की संख्या 15-20 लाख थी, जबकि कुंभ मेले 2019 में यह 10 लाख थी।'

उनका कहना है, पोंटून पुलों की संख्या 2025 में 30 हो गई जो 2019 में 22 थी। मुख्य सचिव ने बताया कि मेला क्षेत्र की सड़कों की लंबाई 299 किमी से 450 किमी अधिक की गई है।

सिंह ने बताया कि महाकुंभ के लिए राज्य का बजट करीब 7,000 करोड़ रुपये है. उन्होंने कहा, 'पिछला कुंभस्वच्छता के लिए जाना जाता था। इस बार यह स्वतंत्रता, सुरक्षा और डिजिटल कुंभ है।'

11 करोड़ की संपत्ति का अनुमान

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने कहा, '2019 में कुंभ हुआ था. इस महाकुंभ में पिछले कुंभ में 24 करोड़ से अधिक राक्षस आये थे जबकि इस बार 35 करोड़ से अधिक राक्षसों के आने की आशंका है।”

मुख्य सचिव ने कहा, “व्यवस्था भी उसी के अनुसार चल रही है।” लगभग 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस बार मेले में लगभग 4,000 हेक्टेयर का अनुमान लगाया गया था, जबकि पिछले कुंभ में लगभग 3,200 हेक्टेयर का अनुमान लगाया गया था।'

साल 2019 के कुंभ से तुलना करते हुए सिंह ने कहा, 'इस बार मेला क्षेत्र को 25 सेक्टर में रखा गया है, जबकि 2019 में यह 20 सेक्टर में था. घाटों की लंबाई आठ किलोमीटर (2019 में) से 12 किलोमीटर (2025 में) कर दी गई है। '2019 में 1291 हेक्टेयर की तुलना में इस बार 1850 हेक्टेयर का कर दिया गया है।'

दोगुना खर्च, बेहतर एसेटलिस्ट का दावा

उन्होंने कहा, 'जब आप 2013 और 2019 में काम की तुलना करेंगे तो इसमें काफी बदलाव देखने को मिलेंगे और इस बार आप इसमें काफी सुधार करेंगे, क्योंकि पैसे के मामले में भी पिछली बार हमने करीब 3,500 करोड़ रुपये खर्च किए थे और इस बार यह दोगुना है और हम लगभग 7,000 करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं।”

सिंह ने कहा, ''भारत सरकार ने भी काफी निवेश किया है. 'रेलवे और राष्ट्रीय राजमार्गों में भी आप सुधार देखें।'

मौनी अंबानी के अवशेषों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कुंभ के दौरान मौनी अंबानी हमेशा से सबसे अधिक संख्या में गायब हैं।

उन्होंने कहा, “इस बार मौनी फिल्म (25 जनवरी से 30 जनवरी तक) के दौरान फिल्म 4-5 करोड़ दर्शकों के आने की उम्मीद है, जबकि 2019 में यह फिल्म 3-4 करोड़ थी।”

45 हज़ार अफ़राद की मस्जिद

सुरक्षा के प्रावधानों पर उन्होंने कहा, '55 से अधिक स्टेलियाँ हैं, और लगभग 45,000 से अधिक स्टॉलें लगाई जा रही हैं। सोशल मीडिया पर कॉन्स्टेबल सुपरवाइजर कीपर के लिए भी कोऑल को मंजूरी दे दी गई है, ताकि कोई भी डोवेल न कर सके। अगर सोशल मीडिया पर कुछ भी घिनौना हो रहा है, तो उसे डांटा जाना चाहिए, अलग किया जाना चाहिए और वैसा ही जाना चाहिए।'

सिंह ने कहा, ''भारत सरकार के साथ राज्य स्तर पर बड़े पैमाने पर बैठक आयोजित की गई.'' केंद्र और राज्य के परिसंपत्तियों के बीच उत्कृष्ट सहयोग है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण पहले से ही काम कर रहा है, एनडीएमए भी काम कर रहा है।”

उन्होंने कहा कि 'आपदा मित्र' की पढ़ाई हुई है.

3000 से अधिक कैमरे

महाकुंभ के डिजिटल सलाहकारों पर टिप्पणी करते हुए मुख्य सचिव ने कहा, 'पिछले कुंभ से पहले हमने यहां नियंत्रण और कमान केंद्र (सामग्री सी.सी.) की स्थापना की थी। इस बार इसे और मजबूत किया गया है और पूरे कुंभ क्षेत्र में 3,000 से अधिक कैमरे लगाए गए हैं।”

महाकुंभ में विदेशी नागरिकों और राजदूतों के दौरे के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, 'पिछले कुंभ में 55-60 देशों के लोग आए थे, क्योंकि कुंभ शुरू होने से ठीक पहले वाराणसी में प्रवासी भारतीय दिवस का कार्यक्रम था, इसलिए वहां से बहुत सारे लोग आये थे. इसके अलावा एक दिन हम दूतावासों के दौरे का आयोजन करते हैं। वह 30 जनवरी को एक दौरे पर जा रहे हैं।'


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2024-12-31

महाकुंभ 2025: काउंटर पर नहीं, रेल कर्मियों के जैकेट की मदद से ही बुक करें टिकट


उतर:

महाकुंभ की तैयारी चल रही है. ऐसे में महाकुंभ 2025 को ध्यान में रखते हुए उत्तर मध्य रेलवे ने अलग-अलग आने वाले आश्रमों की सुविधाओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं। उत्तर मध्य रेलवे के असंगठित मंडल ने डिजिटल तकनीक के उपयोग से टिकटिंग प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाने के लिए एक नवोन्वेष पहल शुरू की है।

महाकुंभ के दौरान, रेलवे के वाणिज्य विभाग के कर्मयोगी जंक्शन पर विशेष ड्यूएटी पर असबे और हरे रंग की जैकेट पहनेंगे। इन जैकेट्स के पीछे एक क्यूआर कोड अंकित होगा, जिसके जरिए आप अपने मोबाइल से स्कैन कर सीधे यूटीएस (अनारक्षित टिकटिंग सिस्टम) मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। यह ऐप यात्रियों को बिना लाइन में लगाए अनारक्षित टिकट बुक करने की सुविधा प्रदान करता है।

इस शुरुआत में रेलवे स्टेशन पर भीड़ और लंबी इमारतों से बचते हुए सहजता से टिकट प्राप्त कर सस्ते में खरीदे गए। डिजिटल भुगतान माध्यम से टिकट बुक की यह प्रक्रिया न केवल समय की बचत की पेशकश करती है, बल्कि महाकुंभ के दौरान आने वाले लाखों विद्यार्थियों को परेशानी मुक्त अनुभव प्रदान करती है।

रेलवे रेलवे स्टेशन पर विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों पर अपने रेलवे स्टेशन और विभिन्न महत्वपूर्ण स्थान हैं, जहां पर रेलवे कर्मचारियों को डाक टिकट से संबंधित सहायता हर स्थान पर मिल जाती है। क्यूआर कोड स्कैन करने के लिए एक लिंक जरूरी है, जो सीधे यूट्यूब ऐप पर ले जाएगा। इसके माध्यम से यात्री टिकट बुककेस के साथ-साथ अन्य सुविधाओं का भी लाभ उठाया जा सकता है।

उत्तर मध्य रेलवे की यह पहली डिजिटल इंडिया की दिशा में एक कदम और महाकुंभ 2025 में आने वाले रथ के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी। रेलवे का यह प्रयास तीर्थयात्रियों के अनुभव को और भी यादगार बनाने का है।


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