रोचडेल ग्रूमिंग कांड: ब्रिटेन में नाबालिग लड़कियों के शोषण के दोषियों को सजा, जानें पूरा मामला
International News: ब्रिटेन के रोचडेल में हुए रोचडेल ग्रूमिंग कांड ने समाज को झकझोर कर रख दिया। इस मामले में नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण करने वाले अपराधियों को अदालत ने कड़ी सजा सुनाई है। इस घिनौने अपराध ने पुलिस और सामाजिक सेवाओं की विफलताओं को भी उजागर किया, जिसके लिए अधिकारियों ने पीड़िताओं से माफी मांगी। यह मामला न केवल न्याय की मांग करता है, बल्कि समाज में कमजोर वर्ग की सुरक्षा के लिए गंभीर सवाल भी उठाता है।
अपराध की क्रूरता
रोचडेल ग्रूमिंग कांड में दोषियों ने सुनियोजित तरीके से नाबालिग लड़कियों को निशाना बनाया। अपराधी उन्हें मुफ्त उपहार, ड्रग्स और शराब देकर अपने जाल में फंसाते थे। इसके बाद, उन्हें गंदे फ्लैटों, कारों, सुनसान गोदामों या गलियों में यौन शोषण के लिए मजबूर किया जाता था। पीड़िताओं को ब्लैकमेल और सामाजिक बदनामी के डर से चुप रहने के लिए दबाव डाला जाता था। एक पीड़िता ने कोर्ट में बताया कि उसे 10 साल की उम्र में ही सामाजिक सेवाओं द्वारा गलत लेबल दिया गया, जिसने उसकी पीड़ा को और बढ़ाया।
पुलिस और सामाजिक सेवाओं की माफी
रोचडेल बरो काउंसिल की चाइल्ड सर्विसेज निदेशक शेरोन हब्बर ने स्वीकार किया कि उस समय बेहतर काम हो सकता था। उन्होंने पीड़िताओं से माफी मांगी और कहा कि सजा उनके दर्द को पूरी तरह मिटा नहीं सकती, लेकिन यह राहत दे सकती है। ग्रेटर मैनचेस्टर पुलिस के डिटेक्टिव सुपरिंटेंडेंट एलन क्लिथरोज ने भी माना कि पुलिस के पास जानकारी थी, लेकिन कार्रवाई में कमी रही। उन्होंने पीड़ितों के साथ हुए व्यवहार को “अक्षम्य” बताया और माफी मांगी। सहायक पुलिस प्रमुख स्टेफ पार्कर ने कहा कि वे पीड़ितों की बात सुनने और अपराधियों को सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
ऑपरेशन लिटन और जांच
यह मामला ग्रेटर मैनचेस्टर पुलिस की ‘ऑपरेशन लिटन’ जांच का हिस्सा है, जो 2015 से रोचडेल में यौन शोषण के मामलों की जांच कर रही है। अब तक 37 लोगों पर आरोप लगाए गए हैं, और सितंबर से पांच और मुकदमे शुरू होंगे। न्यायाधीश जोनाथन सीली ने दोषियों को लंबी जेल की सजा की चेतावनी दी है। सजा की तारीख बाद में तय होगी। मैगी ओलिवर फाउंडेशन जैसी संस्थाएं पीड़िताओं की मदद के लिए काम कर रही हैं, जो इस मामले में व्हिसलब्लोअर मैगी ओलिवर द्वारा शुरू की गई थी।
जातीयता और सामाजिक बहस
रोचडेल ग्रूमिंग कांड ने ब्रिटेन में अपराध और जातीयता पर बहस छेड़ दी है। राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख परिषद के 2024 के आंकड़ों के अनुसार, ग्रूमिंग मामलों में ब्रिटिश-पाकिस्तानी मूल के लोग अनुपात से अधिक थे, लेकिन कुल यौन शोषण के 88% मामले श्वेत ब्रिटिश अपराधियों से जुड़े थे। इस मुद्दे को नस्लीय रंग देना खतरनाक हो सकता है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह अपराध नस्ल से ज्यादा सामाजिक और आर्थिक असमानता से जुड़ा है, क्योंकि पीड़िताएं ज्यादातर कमजोर पृष्ठभूमि से थीं।