डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग: नालागढ़ में 155 एमएम गोला-बारूद का उत्पादन शुरू होगा, जानें क्या बोले सीईओ
Himachal News: हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग की नई शुरुआत हो रही है। एसएमपीपी लिमिटेड की फैसिलिटी मार्च 2026 से 155 एमएम गोला-बारूद का उत्पादन शुरू करेगी। 800 एकड़ में बनने वाला यह डिफेंस पार्क भारतीय सेना की जरूरतें पूरी करेगा और निर्यात के लिए भी तैयार होगा। कंपनी ने 200 मिलियन डॉलर के निर्यात ऑर्डर हासिल किए हैं। यह कदम स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और गर्व का विषय है।
वार्षिक एक लाख राउंड उत्पादन
नालागढ़ का डिफेंस पार्क दो चरणों में बन रहा है। यह फैसिलिटी हर साल एक लाख 155 एमएम गोला-बारूद बनाएगी। यह बोफोर्स, धनुष, शारंग और एटीएजीएस जैसे आर्टिलरी सिस्टम के लिए होगा। भारतीय सेना 3000 नई 155 एमएम गन शामिल करना चाहती है। इससे गोला-बारूद की मांग बढ़ेगी। स्थानीय लोग इस परियोजना से उत्साहित हैं। यह क्षेत्र में आर्थिक विकास और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा।
निर्यात और तकनीकी सहयोग
एसएमपीपी ने 200 मिलियन डॉलर के निर्यात ऑर्डर प्राप्त किए हैं। कंपनी प्रेसिजन-गाइडेड गोला-बारूद के लिए तकनीकी साझेदार के साथ काम कर रही है। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में ऐसे हथियारों का इस्तेमाल हुआ। डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में यह कदम भारत को वैश्विक बाजार में मजबूत बनाएगा। कंपनी यूरोपीय सैन्य विमानों के लिए अंडर-बैली प्रोटेक्शन सिस्टम भी बना रही है। यह परियोजना रक्षा क्षेत्र में नई संभावनाएं खोलेगी।
बुलेटप्रूफ उपकरणों में विशेषज्ञता
एसएमपीपी लिमिटेड पहले से भारतीय सेना के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट बनाती है। कंपनी ने दो लाख से ज्यादा जैकेट और हाल ही में 27,000 जैकेट का ऑर्डर पूरा किया। यह एके-47 की गोली रोकने वाले हेलमेट भी बनाती है। इस अनुभव के साथ कंपनी अब गोला-बारूद उत्पादन में कदम रख रही है। स्थानीय लोग इस उपलब्धि से गौरवान्वित हैं। यह परियोजना क्षेत्र में तकनीकी प्रगति का प्रतीक बनेगी।
सीईओ का बयान
एसएमपीपी के सीईओ आशीष कंसल ने कहा कि उत्पादन मार्च 2026 से शुरू होगा। कंपनी ने कई देशों से ऑर्डर लिए हैं। आधुनिक तकनीक से बने गोला-बारूद युद्ध में नुकसान कम करेंगे। कंसल ने कहा कि यह परियोजना भारतीय सेना की ताकत बढ़ाएगी। स्थानीय समुदाय इस पहल से उत्साहित है। यह न केवल रक्षा क्षेत्र में योगदान देगा, बल्कि हिमाचल के आर्थिक विकास को भी गति देगा।