हाईकोर्ट चेतावनी: हिमाचल में आबकारी विभाग की लापरवाही पर नाराज हुआ कोर्ट, इस मामले में एक हफ्ते में मांगा जवाब
Himachal News: हिमाचल प्रदेश के आबकारी व कराधान विभाग की कार्यशैली पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। मैसर्स एचएम स्टील लिमिटेड बनाम भारत सरकार मामले में विभाग बार-बार जवाब दाखिल करने में विफल रहा। हाईकोर्ट चेतावनी के बावजूद विभाग ने कई तारीखों पर जवाब नहीं दिया। नाराज कोर्ट ने अब एक सप्ताह का अंतिम समय दिया। यह लापरवाही न केवल अदालत का समय बर्बाद कर रही है, बल्कि करोड़ों रुपये के मामलों को भी प्रभावित कर रही है।
बार-बार तारीख मांगने पर कोर्ट नाराज
हिमाचल हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति तिरलोक सिंह चौहान और सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने विभाग की लापरवाही पर नाराजगी जताई। अप्रैल से मई तक कई तारीखें दी गईं, लेकिन विभाग ने जवाब दाखिल नहीं किया। हाईकोर्ट चेतावनी में कहा गया कि यह लापरवाही अदालत की कार्यवाही में बाधा डाल रही है। कोर्ट ने साफ किया कि ऐसी देरी से महत्वपूर्ण मामलों का निपटारा रुकता है। विभाग को अब 4 जुलाई तक जवाब देना होगा।
एक सप्ताह का अंतिम मौका
कोर्ट ने आबकारी व कराधान विभाग को सख्त निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट चेतावनी में कहा गया कि यदि एक सप्ताह में जवाब दाखिल नहीं हुआ, तो जिम्मेदार अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होना पड़ेगा। कोर्ट ने यह भी चेताया कि सरकार को आयुक्त, विधि अधिकारी या दोषी कर्मचारियों को हटाने की सिफारिश की जा सकती है। मामले की अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी। विभाग की इस लापरवाही से प्रशासनिक विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।
विभाग की कार्यशैली पर सवाल
जानकारी के मुताबिक, इस मामले में आबकारी व कराधान आयुक्त पक्षकार नहीं हैं। फिर भी, विभाग की ओर से जवाब दाखिल करने में देरी हो रही है। हाईकोर्ट चेतावनी के बाद अब यह देखना होगा कि जिम्मेदार अधिकारी इस आदेश का पालन करते हैं या नहीं। ग्रामीण और स्थानीय लोग इस लापरवाही से परेशान हैं। वे चाहते हैं कि विभाग समय पर कार्रवाई करे ताकि महत्वपूर्ण मामलों का जल्द निपटारा हो सके।
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