फर्जी प्रमाणपत्र: हिमाचल में डाक सेवक की नौकरी में धोखाधड़ी, सीबीआई ने दर्ज किया मामला
Himachal News: हिमाचल में फर्जी प्रमाणपत्र का मामला सामने आया। बिहार के सीतामढ़ी निवासी सुजीत कुमार ने 10वीं के जाली प्रमाणपत्र से ग्रामीण डाक सेवक की नौकरी हासिल की। डाक विभाग की जांच में धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। सीबीआई की शिमला शाखा ने सुजीत और अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। यह घटना विभागीय सत्यापन की अहमियत को दर्शाती है। सीबीआई अब गहन जांच कर रही है।
नौकरी में धोखाधड़ी
सुजीत कुमार को 14 सितंबर 2021 को ग्रामीण डाक सेवक के रूप में नियुक्त किया गया। वह 19 मई 2022 तक नमज्ञा बीओ, पूह उप डाकघर में तैनात रहा। फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर उसने यह नौकरी हासिल की। उसने तमिलनाडु बोर्ड का जाली प्रमाणपत्र जमा किया था। जांच में पता चला कि यह प्रमाणपत्र सरकारी रिकॉर्ड में नहीं था। इस धोखाधड़ी ने डाक विभाग को हिलाकर रख दिया।
वित्तीय नुकसान
फर्जी प्रमाणपत्र के जरिए सुजीत ने 1,31,038 रुपये का वेतन लिया। यह राशि 14 सितंबर 2021 से 19 मई 2022 तक की अवधि में मिली। इस धोखाधड़ी से डाक विभाग को वित्तीय नुकसान हुआ। सुजीत को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। सीबीआई ने आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत केस दर्ज किया। यह मामला लोगों के भरोसे को तोड़ने वाला है।
जांच में गिरोह की आशंका
सीबीआई ने रामपुर पोस्टल डिवीजन के अधीक्षक की शिकायत पर मामला दर्ज किया। फर्जी प्रमाणपत्र की जांच में बड़ा गिरोह सक्रिय होने की आशंका है। हिमाचल में पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। सीबीआई कई अन्य मामलों की भी जांच कर रही है। यह घटना नौकरी के लिए सत्यापन की प्रक्रिया को और सख्त करने की जरूरत को दर्शाती है। जांच में और खुलासे की उम्मीद है।
विभागीय सतर्कता
डाक विभाग ने ऑनलाइन चयन प्रक्रिया के तहत रिक्तियां निकाली थीं। सुजीत ने मैट्रिक की जाली मार्कशीट जमा की थी। विभाग ने सत्यापन के दौरान धोखाधड़ी पकड़ी। यह मामला उन लोगों के लिए सबक है जो मेहनत की जगह धोखे का रास्ता चुनते हैं। सीबीआई की जांच से सच सामने आएगा। डाक विभाग अब और सतर्कता बरत रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
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