प्लास्टिक कचरा प्रबंधन: हिमाचल की डिपॉजिट रिफंड स्कीम 2025 को मंजूरी, QR कोड से होगी निगरानी
Himachal News: हिमाचल सरकार ने 31 मई 2025 को डिपॉजिट रिफंड स्कीम 2025 को मंजूरी दी। इसके तहत उपभोक्ता प्लास्टिक, कांच या एल्युमिनियम पैकेजिंग खरीदते समय जमा राशि देंगे। खाली पैकेजिंग वापस करने पर राशि रिफंड होगी। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू होने वाली इस योजना में QR कोड से निगरानी होगी। पर्यटक स्थलों पर प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए यह कदम उठाया गया।
योजना का उद्देश्य
यह स्कीम हिमाचल के नाजुक पर्यावरण को बचाने के लिए शुरू की गई। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि यह पर्यटकों और दुकानदारों को कचरे की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित करेगी। योजना पहले प्रमुख पर्यटक स्थलों पर लागू होगी। इसका लक्ष्य टिकाऊ पर्यटन को बढ़ावा देना और प्लास्टिक कचरा कम करना है।
योजना का कार्यान्वयन
उपभोक्ता प्लास्टिक बोतल, कांच, एल्युमिनियम केन या मल्टीलेयर पैकेजिंग खरीदते समय अतिरिक्त जमा राशि देंगे। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, QR कोड स्कैन कर दुकानदार यह राशि लेंगे। खाली पैकेजिंग कलेक्शन सेंटर पर जमा करने पर राशि वापस मिलेगी। पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के आधार पर इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।
हिमाचल में कचरे की समस्या
शिमला में हर माह 2,800 टन ठोस कचरा निकलता है, जिसमें प्लास्टिक शामिल है। मनाली में यह आंकड़ा 1,100 टन है। पीक सीजन में दो महीनों में 9,000 टन कचरा निकलता है। पूरे हिमाचल में मासिक 15,000 टन से अधिक कचरा उत्पन्न होता है। कई क्षेत्रों में कचरे का निपटान नहीं होता, जिससे हिमालयी पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है।
हिमाचल का प्लास्टिक बैन इतिहास
हिमाचल ने 1995 में रंगीन पॉलिथीन बैग पर प्रतिबंध लगाया। 2009 में भारत में पहली बार पॉलिथीन कैरी बैग बैन किए। 2011 में प्लास्टिक कटलरी और 2018 में थर्मोकोल कटलरी पर प्रतिबंध लगा। 2013 में सिंगल-यूज प्लास्टिक पर रोक लगी, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती मिली। फिर भी, प्लास्टिक कचरा चुनौती बना हुआ है।
पर्यावरण संरक्षण की प्रतिबद्धता
मंत्री चौहान ने कहा कि यह स्कीम हिमाचल के पर्यावरण को बचाने की बड़ी पहल है। QR कोड तकनीक से पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, सरकार टिकाऊ विकास पर जोर दे रही है। यह योजना लोगों की आदतें बदलेगी और हिमाचल को स्वच्छ पर्यटक स्थल बनाएगी।
Author: Rajeev Thakur, Himachal Pradesh
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