पंचांग 2 जून 2025: ज्येष्ठ शुक्ल सप्तमी, रवि योग, मघा नक्षत्र, जानें शुभ मुहूर्त
Astrology News: 2 जून 2025 को ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि और सोमवार का दिन है। वैदिक पंचांग के अनुसार, रवि योग और मघा नक्षत्र आज विशेष प्रभाव डालेंगे। यह दिन भगवान शिव की पूजा के लिए शुभ है। राहुकाल और सूर्योदय-सूर्यास्त के समय को ध्यान में रखकर कार्य करें। आइए जानें आज का पंचांग और शुभ मुहूर्त।
आज की तिथि और नक्षत्र
2 जून को ज्येष्ठ शुक्ल सप्तमी तिथि रात 8:36 बजे तक रहेगी। इसके बाद अष्टमी तिथि शुरू होगी। मघा नक्षत्र रात 10:56 बजे तक रहेगा, फिर पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र लगेगा। मघा नक्षत्र में जन्मे लोग महत्वाकांक्षी और दृढ़ निश्चयी होते हैं। यह नक्षत्र नेतृत्व और प्रबंधन में सफलता देता है।
रवि योग का महत्व
रवि योग 2 जून को रात 9:37 बजे तक रहेगा। यह योग शुभ कार्यों के लिए अनुकूल माना जाता है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, रवि योग में शुरू किए गए कार्यों में सफलता की संभावना बढ़ती है। इस दौरान पूजा-पाठ, व्यापारिक निर्णय और महत्वपूर्ण कार्यों को प्राथमिकता दें। यह योग सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।
राहुकाल का समय
राहुकाल में शुभ कार्यों से बचना चाहिए। विभिन्न शहरों में राहुकाल का समय इस प्रकार है:
- दिल्ली: सुबह 7:08 से 8:51 बजे
- मुंबई: सुबह 7:40 से 9:19 बजे
- चंडीगढ़: सुबह 7:06 से 8:51 बजे
- लखनऊ: सुबह 6:56 से 8:39 बजे
- भोपाल: सुबह 7:15 से 8:56 बजे
- कोलकाता: सुबह 6:33 से 8:13 बजे
- अहमदाबाद: सुबह 7:35 से 9:15 बजे
- चेन्नई: सुबह 7:18 से 9:54 बजे
सूर्योदय और सूर्यास्त
सूर्योदय सुबह 5:23 बजे और सूर्यास्त शाम 7:14 बजे होगा। वैदिक पंचांग में सूर्य का समय कार्यों की योजना बनाने में महत्वपूर्ण है। सुबह के समय भगवान शिव की पूजा और ध्यान करने से दिन शुभ होता है। सूर्योदय के समय मंत्र जाप विशेष फलदायी होता है।
मघा नक्षत्र का प्रभाव
मघा नक्षत्र 10वां नक्षत्र है। इस नक्षत्र में जन्मे लोग स्वाभिमानी और नेतृत्व क्षमता से युक्त होते हैं। यह नक्षत्र राजनीति, प्रबंधन और सामाजिक कार्यों में सफलता देता है। आज इस नक्षत्र में शुरू किए गए कार्यों में स्थिरता और प्रगति के योग बनते हैं।
शुभ मुहूर्त का उपयोग
2 जून को शुभ मुहूर्त सुबह 8:21 बजे से रात 8:34 बजे तक है। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश या अन्य मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। शुभ मुहूर्त में कार्य शुरू करने से सफलता और समृद्धि की संभावना बढ़ती है। पूजा-पाठ के लिए यह समय विशेष रूप से अनुकूल है।
सोमवार की विशेषता
सोमवार भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने और रुद्राभिषेक करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। वैदिक ज्योतिष में सोमवार को शांति और समृद्धि का दिन माना जाता है। मघा नक्षत्र और रवि योग इसे और शुभ बनाते हैं।
पंचांग का महत्व
वैदिक पंचांग में तिथि, नक्षत्र, योग, करण और वार महत्वपूर्ण हैं। 2 जून का पंचांग कार्यों की योजना बनाने में मदद करता है। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, पंचांग के आधार पर शुभ मुहूर्त चुनने से कार्यों में बाधाएं कम होती हैं। आज के पंचांग का उपयोग कर सही समय पर कार्य शुरू करें।
Author: Pandit Ashutosh Sharma
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