आज का पंचांग: 7 जून 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल और सूर्योदय-सूर्यास्त समय
Astrology News: वैदिक ज्योतिष में आज का पंचांग 7 जून 2025 को विशेष महत्व रखता है। यह दिन ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि और शनिवार का है। पंचांग के आधार पर तिथि, नक्षत्र, योग और करण की गणना होती है। यह जानकारी शुभ कार्यों के लिए सही समय चुनने में मदद करती है। इस दिन चम्पक द्वादशी व्रत भी है। आइए जानते हैं इस दिन के शुभ मुहूर्त, राहुकाल और सूर्योदय-सूर्यास्त के समय के बारे में।
7 जून 2025 की तिथि और नक्षत्र
ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि 7 जून को पूरे दिन और रात तक रहेगी। यह तिथि अगले दिन सुबह 7:18 बजे तक प्रभावी रहेगी। इसके बाद त्रयोदशी तिथि शुरू होगी। नक्षत्र की बात करें तो चित्रा नक्षत्र सुबह 9:40 बजे तक रहेगा। इसके बाद स्वाती नक्षत्र शुरू होगा। ये नक्षत्र शुभ कार्यों के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
शुभ योग और व्रत
इस दिन वरियान योग दोपहर 11:17 बजे तक रहेगा, जो शुभ कार्यों के लिए अनुकूल है। इसके बाद परिध योग शुरू होगा। साथ ही, चम्पक द्वादशी व्रत भी इस दिन मनाया जाएगा। यह व्रत भक्तों के लिए आध्यात्मिक महत्व रखता है। शुभ योग और व्रत के समय का ध्यान रखकर कार्य करें।
शुभ मुहूर्त का समय
आज का पंचांग के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:52 बजे से 12:47 बजे तक रहेगा। यह समय महत्वपूर्ण कार्य शुरू करने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। इस दौरान पूजा, व्यापार या अन्य शुभ कार्य किए जा सकते हैं। सही मुहूर्त में कार्य शुरू करने से सफलता की संभावना बढ़ती है।
राहुकाल का समय
राहुकाल में कोई भी शुभ कार्य शुरू करना अशुभ माना जाता है। 7 जून 2025 को विभिन्न शहरों में राहुकाल का समय इस प्रकार है:
- दिल्ली: सुबह 8:51 से 10:36 बजे तक
- मुंबई: सुबह 9:19 से 10:58 बजे तक
- चंडीगढ़: सुबह 8:51 से 10:36 बजे तक
- लखनऊ: सुबह 8:39 से 10:22 बजे तक
- भोपाल: सुबह 8:56 से 10:38 बजे तक
- कोलकाता: सुबह 8:13 से 9:54 बजे तक
- अहमदाबाद: सुबह 9:16 से 10:57 बजे तक
- चेन्नई: सुबह 7:55 से 10:31 बजे तक
इन समयों में महत्वपूर्ण कार्यों से बचें।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
आज का पंचांग में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का विशेष महत्व है। 7 जून 2025 को सूर्योदय सुबह 5:22 बजे और सूर्यास्त शाम 7:17 बजे होगा। ये समय पूजा और अन्य धार्मिक कार्यों के लिए उपयोगी हैं। सूर्योदय के समय प्रातः संध्या और सूर्यास्त के समय सायं संध्या की पूजा की जा सकती है।
पंचांग का महत्व
पंचांग हिंदू धर्म में समय और काल की सटीक गणना के लिए उपयोगी है। यह तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण जैसे पांच अंगों पर आधारित होता है। आज का पंचांग शुभ और अशुभ समय की जानकारी देता है, जिससे कार्यों की सफलता सुनिश्चित होती है। इस दिन शनिदेव की पूजा विशेष फलदायी होगी।
Author: Pandit Ashutosh Sharma
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