अहमदाबाद प्लेन क्रैश: बिजली गुल होने से गिरा था बोइंग 787, ब्लैक बॉक्स की जांच में खुलेगा राज
Gujarat News: 12 जून 2025 को अहमदाबाद प्लेन क्रैश ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया। लंदन जा रहे एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर में सवार 241 लोगों समेत 274 लोगों की मौत ने कई परिवारों को उजाड़ दिया। हादसे की वजह को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगीं, लेकिन अब अधिकारियों ने इसका संभावित कारण बताया। इस त्रासदी ने न केवल भारत, बल्कि वैश्विक स्तर पर लोगों के दिलों में दर्द और सवाल छोड़ दिए हैं।
अधिकारियों का बयान
अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि उड़ान भरने के तुरंत बाद विमान में बिजली की आपूर्ति अचानक बंद हो गई। इस वजह से बोइंग 787 ड्रीमलाइनर ने अपनी शक्ति खो दी और तेजी से नीचे गिरने लगा। कुछ ही सेकंड में विमान मेहगनीनगर क्षेत्र में बी.जे. मेडिकल कॉलेज की एक इमारत से टकरा गया। इस टक्कर ने भयानक विस्फोट को जन्म दिया, जिसमें सैकड़ों जिंदगियां खत्म हो गईं। अधिकारियों का यह बयान जांच का शुरुआती निष्कर्ष है, लेकिन अंतिम सच्चाई ब्लैक बॉक्स से ही सामने आएगी।
ब्लैक बॉक्स की जांच
हादसे के 28 घंटे बाद अहमदाबाद प्लेन क्रैश स्थल से ब्लैक बॉक्स बरामद हुआ। डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर को एक इमारत की छत से प्राप्त किया गया, लेकिन आग से इसे नुकसान पहुंचा है। शुरुआती जांच में डेटा रिकवरी मुश्किल होने की बात सामने आई। अब इसे अमेरिका भेजने की चर्चा है, जहां विशेषज्ञ डेटा को पुनर्प्राप्त करने की कोशिश करेंगे। भारतीय जांच दल भी इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए साथ जाएगा। ब्लैक बॉक्स से पायलट की बातचीत और उड़ान के अंतिम पलों का विवरण मिल सकता है।
सिविल एविएशन मंत्रालय का रुख
सिविल एविएशन मंत्रालय ने ब्लैक बॉक्स को अमेरिका भेजने की खबरों पर स्पष्ट किया कि अभी इस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ। मंत्रालय ने कहा कि एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) सभी पहलुओं पर विचार कर निर्णय लेगा। मंत्रालय ने जांच की पारदर्शिता और सटीकता पर जोर दिया। अहमदाबाद प्लेन क्रैश की असली वजह जानने के लिए दुनिया भर की नजरें ब्लैक बॉक्स की जांच पर टिकी हैं।
जांच की दिशा
अहमदाबाद में हुए इस हादसे ने बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की सुरक्षा पर सवाल उठाए। विशेषज्ञों ने इंजन फेलियर, बर्ड हिट और तकनीकी खराबी जैसी कई संभावनाओं पर चर्चा की। लेकिन बिजली गुल होने की बात ने जांच को नई दिशा दी। पायलट ने मेडे कॉल के जरिए आपात स्थिति की जानकारी दी थी, लेकिन समय इतना कम था कि विमान को बचाना असंभव हो गया। जांच पूरी होने तक सच्चाई का इंतजार है।
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