न्यूक्लियर साइट्स हमला: अमेरिका ने ईरान की फॉर्डो, नतांज, इशफहान साइट्स पर बमबारी की, जानें कितना खतरनाक था हमला
Iran News: अमेरिका ने न्यूक्लियर साइट्स हमला कर ईरान की तीन प्रमुख परमाणु साइट्स—फॉर्डो, नतांज और इशफहान—पर हमला किया। B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स ने 30,000 पाउंड के GBU-57 बंकर बस्टर बम गिराए। ये बम गहरे बंकरों को नष्ट करने में सक्षम हैं। ईरान की परमाणु क्षमता को कमजोर करने का यह प्रयास है। ईरान ने हमले को गैरकानूनी बताया।
बंकर बस्टर बम की विशेषताएं
न्यूक्लियर साइट्स हमला में इस्तेमाल GBU-57 बम 13,600 किलोग्राम वजनी है। जीपीएस-गाइडेड यह बम 200 फीट गहराई तक घुसकर विस्फोट करता है। मजबूत स्टील अलॉय से बना यह बम गहरे ठिकानों को तबाह करता है। केवल B-2 बॉम्बर इसे ले जा सकते हैं। सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह बम पहले युद्ध में इस्तेमाल नहीं हुआ था।
B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स की क्षमता
B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर्स ने न्यूक्लियर साइट्स हमला को अंजाम दिया। ये विमान रडार से बचकर लंबी दूरी तय करते हैं। अमेरिकी वायु सेना के पास 19 B-2 बॉम्बर हैं। ये हवा में ईंधन भरकर मिसौरी के व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस से लक्ष्य तक पहुंचे। 2017 में लीबिया में इन्होंने 34 घंटे की उड़ान भरी थी।
इजरायल की मांग और सहयोग
इजरायल ने पहले नतांज पर हमला किया, लेकिन उसके विमान भारी बंकर बस्टर बम नहीं ले जा सकते। इजरायली पीएम नेतन्याहू ने अमेरिका से न्यूक्लियर साइट्स हमला में शामिल होने की मांग की थी। फॉर्डो की गहरी संरचना को नष्ट करने के लिए GBU-57 जरूरी थे। अमेरिका ने इजरायल के साथ मिलकर यह ऑपरेशन किया।
ईरान की प्रतिक्रिया और आकलन
ईरान की परमाणु ऊर्जा संगठन ने न्यूक्लियर साइट्स हमला की पुष्टि की, लेकिन नुकसान को सीमित बताया। तेहरान ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कहा। ईरान ने जवाबी हमले की चेतावनी दी है। अमेरिकी और इजरायली अधिकारी नुकसान का आकलन कर रहे हैं। परमाणु संदूषण की कोई जानकारी नहीं मिली है।
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