#RTIAct

2025-06-09

आरटीआई अधिनियम: नाहन नगर परिषद को सूचना आयोग की चेतावनी, 15 दिन में जानकारी देने का आदेश

Himachal News: हिमाचल प्रदेश राज्य सूचना आयोग ने नाहन नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी को आरटीआई अधिनियम के तहत कड़ी चेतावनी जारी की। आयोग ने 7 दिसंबर 2023 के एक आरटीआई आवेदन पर पूरी जानकारी 15 दिन में देने का आदेश दिया। यह मामला सेवानिवृत्त कर्नल कुलबीर सिंह चौहान की अपील से जुड़ा है। उन्होंने नाहन में एक भवन के अवैध निर्माण का ब्योरा मांगा था। आयोग ने कहा कि अनुपालन न होने पर कठोर कार्रवाई होगी।

अपील की सुनवाई

सूचना आयुक्त डॉ. एसएस गुलेरिया ने कर्नल चौहान की अपील की सुनवाई की। चौहान ने नाहन में एक भवन निर्माण से संबंधित नोटिंग शीट और अवैध संरचनाओं पर कार्रवाई के लिए जिम्मेदार अधिकारियों का विवरण मांगा था। प्रथम अपीलीय प्राधिकरण (एफएए) ने आंशिक जानकारी दी थी। चौहान ने कहा कि महत्वपूर्ण दस्तावेज अभी भी लंबित हैं। सुनवाई में जनसूचना अधिकारी के प्रतिनिधि ने वेब लिंक के जरिए हिस्सा लिया। उन्होंने 15 दिन में पूरी जानकारी देने का वादा किया।

आयोग की सख्ती

डॉ. गुलेरिया ने स्पष्ट किया कि आरटीआई अधिनियम की धारा 20(1) के तहत कार्रवाई होगी, अगर जानकारी नहीं दी गई। इस धारा में प्रति दिन 250 रुपये जुर्माने का प्रावधान है। साथ ही, जनसूचना अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश हो सकती है। आयोग ने कहा कि वह सू मोटो कार्रवाई शुरू करने में संकोच नहीं करेगा। यह आदेश 9 जून 2025 को सुनाया गया।

आरटीआई आवेदन का विवरण

कर्नल चौहान ने 7 दिसंबर 2023 को आरटीआई आवेदन दायर किया था। इसमें नाहन में एक भवन के निर्माण की अनुमति, नोटिंग शीट, और अवैध निर्माण पर कार्रवाई का ब्योरा मांगा गया था। नगर परिषद ने केवल आंशिक जानकारी दी। चौहान ने प्रथम अपीलीय प्राधिकरण में अपील की, लेकिन वहां भी पूरी जानकारी नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने राज्य सूचना आयोग का रुख किया।

आरटीआई अधिनियम का महत्व

आरटीआई अधिनियम 2005 नागरिकों को सरकारी जानकारी प्राप्त करने का अधिकार देता है। यह पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करता है। हिमाचल प्रदेश में आरटीआई के तहत कई मामले सामने आए हैं। आयोग ने पहले भी कई अधिकारियों पर जुर्माना लगाया है। नाहन का यह मामला स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है। केंद्रीय सूचना आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में देशभर में 3 लाख से अधिक आरटीआई आवेदन लंबित थे।

नगर परिषद की जिम्मेदारी

नाहन नगर परिषद को अब 15 दिन में सभी दस्तावेज सौंपने होंगे। इसमें भवन निर्माण की अनुमति, नोटिंग शीट, और जिम्मेदार अधिकारियों का विवरण शामिल है। जनसूचना अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से जवाबदेही लेनी होगी। आयोग ने कहा कि कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। यह मामला स्थानीय स्तर पर अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की मांग को भी उजागर करता है।

संभावित कार्रवाई

आरटीआई अधिनियम की धारा 20(1) के तहत, अगर जनसूचना अधिकारी बिना उचित कारण जानकारी देने से इनकार करता है, तो जुर्माना लग सकता है। अधिकतम जुर्माना 25,000 रुपये तक हो सकता है। साथ ही, आयोग संबंधित विभाग को अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश कर सकता है। नाहन नगर परिषद के लिए यह चेतावनी गंभीर है। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि समयसीमा का सख्ती से पालन करना होगा।

जनता की प्रतिक्रिया

स्थानीय निवासियों ने आयोग के कदम की सराहना की। कर्नल चौहान ने कहा कि वे पारदर्शिता के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। नाहन में अवैध निर्माण एक पुरानी समस्या है। कई निवासियों ने शिकायत की कि नगर परिषद नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई नहीं करती। यह मामला प्रशासन पर दबाव बढ़ा सकता है।

Author: Harikrishan Sharma, Himachal Pradesh

#HimachalRTICase #RTIAct

आरटीआई अधिनियम
2023-11-08

17 Years After India’s Landmark Information Law Was Passed, India’s Courts Are Undermining That Right

Delays, adjournments, and lengthy court proceedings are hindering India’s 17-year-old right-to-information framework, a study of 18 pending court cases shows.

#RTI #RTIAct #law #IndianCourts #CIC #justice #india

article-14.com/post/17-years-a

Ashwiniirunnyy
2021-07-09

To matlab kya hai RTI ka?
---
RT @barandbench
"RTI replies not very reliable, do not cite RTI documents:" Supreme Court observes

Report by @DebayonRoy

Read full story: barandbench.com/news/litigatio
twitter.com/barandbench/status

Ashlin Mathewashlinpmathew
2019-12-16

We shouldn't forget what said about in SC today.
"Is RTI filing a profession?"
"People who have no connection with a matter seek information under RTI"
"RTI has an adverse effect as bureaucrats were not taking decisions due to the fear" @rtiindia@twitter.com

Devbutt Fucknaikgoofysufi
2019-11-13

No, no more praises for Chandrachud et al.

After CIC's tenure and salary was brought under the executive control, none of these long eloquent judgements on mean anything.

Besides, Kashmir is still under seige and this court hasn't found time for emergency hearings.

So please sit down, as Fundamental Rights trump everything; even transparency.

HW News Hindihwnewsnetwork
2019-11-13

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, भारत के चीफ जस्टिस का ऑफिस भी RTI के दायरे में
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया. अब मुख्य न्यायाधीश (CJI) का ऑफिस भी सूचना
hindi.hwnews.in/news/big-decis

Satheesh lakshmanan ✅Saislakshmanan
2019-11-13

தகவல் அறியும் உரிமைச் சட்டம் தலைமை நீதிபதிக்கும் பொருந்தும் - உச்சநீதிமன்றம் தீர்ப்பு

2019-11-13

#BREAKING

தலைமை நீதிபதி அலுவலகத்தையும் RTI வரம்பிற்குள் கொண்டுவந்தது உச்சநீதிமன்றம்!

www.ns7.tv | #SupremeCourt | #RTIAct | #ChiefJusticeofIndia

தமிழ் செய்திகள்TamilNews@mstdn.social
2019-11-13

RT @news7tamil@twitter.com

#BREAKING

தலைமை நீதிபதி அலுவலகத்தையும் RTI வரம்பிற்குள் கொண்டுவந்தது உச்சநீதிமன்றம்!

ns7.tv | #SupremeCourt | #RTIAct | #ChiefJusticeofIndia

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