रूस-चीन सैन्य सहयोग: चीनी सैनिकों को यूक्रेन युद्ध की रणनीति सिखाएगा रूस, पाकिस्तान को जेट ट्रेनिंग दे रहा चीन
International News: रूस और चीन का रूस-चीन सैन्य सहयोग नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है। यूक्रेनी मीडिया के अनुसार, रूस 2025 में 600 चीनी सैनिकों को प्रशिक्षण देगा। यह ट्रेनिंग यूक्रेन युद्ध के अनुभवों पर आधारित होगी। कीव पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया कि यह नाटो के हथियारों का मुकाबला करने की रणनीति है। पाकिस्तान को भी चीन J-35 स्टील्थ जेट की ट्रेनिंग दे रहा है। इससे क्षेत्रीय सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।
नाटो हथियारों पर फोकस
रूस का रूस-चीन सैन्य सहयोग नाटो के खिलाफ रणनीति को मजबूत कर रहा है। चीनी सैनिकों को टैंक युद्ध, तोपखाने, हवाई रक्षा और युद्ध इंजीनियरिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी। यह प्रशिक्षण रूस के सैन्य अड्डों पर होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह ताइवान जैसे क्षेत्रों में चीन की रणनीति को मजबूत कर सकता है। भारत के लिए भी यह चिंता का विषय है, क्योंकि चीन से उसका सीमा विवाद अनसुलझा है।
पाकिस्तान और चीन का गठजोड़
चीन ने पाकिस्तानी पायलटों को J-35 स्टील्थ फाइटर जेट की ट्रेनिंग शुरू की है। यह कदम रूस-चीन सैन्य सहयोग की तरह क्षेत्रीय समीकरण बदल सकता है। पाकिस्तान ने 40 J-35 जेट खरीदने की योजना बनाई है। 2024 के झूहाई एयरशो में इसकी घोषणा हुई। गिलगित-बाल्टिस्तान में चीनी प्रशिक्षकों के साथ ट्रेनिंग की खबरें भी सामने आई हैं। इससे भारत-पाक तनाव और बढ़ सकता है।
यूक्रेन की चिंता
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि चीन ने यूक्रेन को ड्रोन बेचना बंद कर दिया, लेकिन रूस को आपूर्ति जारी है। रूस-चीन सैन्य सहयोग में ड्रोन उत्पादन भी शामिल है। यूक्रेन हर दिन 300-500 ड्रोन बनाना चाहता है, लेकिन फंड की कमी है। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन मिसाइल और पनडुब्बी तकनीक में रूस पर निर्भर है। यह गठजोड़ वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।
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